Last Updated: Thursday, March 20, 2014, 17:40

मेलबर्न/कुआलालंपुर : अब तक मिले ‘सर्वश्रेष्ठ सुराग’ पर काम करते हुए आज ऑस्ट्रेलियाई सेना के नेतृत्व वाला एक खोजी विमान यह पता लगाने के लिए रवाना हुआ कि क्या दक्षिणी हिंद महासागर में दिखीं दो वस्तुएं लापता मलेशियाई विमान से संबंधित हैं। इन वस्तुओं में से एक को 24 मीटर लंबा बताया जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने कहा कि उपग्रह तस्वीरों में पर्थ के करीब 2,500 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में कुछ वस्तुएं दिखीं जो हजारों मीटर की गहराई में पानी में तैर रही थीं। ऑस्ट्रेलियाई समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण के अधिकारी जॉन यूंग ने कहा कि यह संभवत: अब तक का सर्वश्रेष्ठ सुराग है। उन्होंने हालांकि, आगाह किया कि ये वस्तुएं समुद्री मलबा भी हो सकती हैं क्योंकि समय-समय पर मालवाहक पोतों से कंटेनर आदि गिरते रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका से सेना के जेट और जहाज वस्तुओं का पता लगाने के लिए क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं।
यह मलेशियाई विमान 8 मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद लापता हो गया था। इसमें पांच भारतीय और भारतीय मूल के एक कनाडाई नागरिक सहित 239 लोग सवार थे। जिस जगह वस्तुएं दिखाई दीं, उसके पास ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाज एचएमएएस सक्सेस के साथ एक व्यापारिक जहाज जल्द पहुंचने वाला है। एचएमएएस सक्सेस वस्तुओं को निकालने में सक्षम है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने संसद को बताया कि उन्होंने विमान के संभावित मलबे के बारे में ‘नई और ठोस सूचना’ जारी करने के लिए अपने मलेशियाई समकक्ष नजीब रजाक से बात की है।
उड़ान एमएच370 का पता लगाने के कार्य में 26 देशों की खोजी टीमें जुटी हैं। बहुराष्ट्रीय तलाशी अभियान का आज 13वां दिन है। एबोट ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण को संभवत: खोज से संबंधित वस्तुओं की उपग्रह तस्वीर के आधार पर सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि इस उपग्रह तस्वीर का विश्लेषकों द्वारा विश्लेषण किए जाने के बाद खोज से संबंधित दो संभावित वस्तुओं की पहचान हुई है। उन्होंने कहा कि एक रॉयल आस्ट्रेलियाई एयर फोर्स ओरियन को वस्तुओं का पता लगाने का प्रयास करने के काम में लगाया गया है। तीन अन्य विमान इस ओरियन के पीछे रहेंगे। उन्हें बाद में और गहन खोज करने के लिए तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री ने संसद से कहा कि इन वस्तुओं को ढूंढ़ने का काम अत्यंत मुश्किल होगा और ऐसा भी हो सकता है कि ये वस्तुएं विमान से संबंधित न हों। कुआलालंपुर में मलेशिया के कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूं कि हमारे पास नया सुराग है। हुसैन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नजीब रजाक को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने फोन किया था और उन्हें सूचना दी थी कि दक्षिणी हिन्द महासागर में दो वस्तुओं की पहचान हुई है जो संभवत: एमएच 370 से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इस चरण में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों को अभी यह पुष्ट करना है कि क्या ये वस्तुएं वास्तव में एमएच 370 की तलाश से संबंधित हैं। विशेषज्ञों ने पूर्व में कयास लगाए थे कि दक्षिणी समुद्री कॉरिडोर लापता विमान का संभावित स्थल हो सकता है।
विमान का रहस्य अब तक बना हुआ है और हाई-टेक रडार तथा अन्य उपकरण होने के बावजूद उड्डयन एवं सुरक्षा विशेषज्ञ उसका पता नहीं लगा पाए हैं। तलाश के काम में अब तक कई गलत सुराग मिले हैं। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने आज कहा कि पर्थ के करीब 2,500 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में दक्षिणी हिन्द महासागर में 24 मीटर लंबी दो वस्तुएं दिखी हैं जो संभवत: लापता मलेशियाई विमान से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने संसद को बताया कि उन्होंने अपने मलेशियाई समकक्ष नजीब रजाक से विमान के संभावित मलबे के बारे में ‘नई और ठोस सूचना’ जारी करने के लिए बातचीत की है।
गौर हो कि छब्बीस देशों के खोजी दल लापता बोइंग उड़ान एमएच370 का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यह विमान 8 मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद लापता हो गया था। इसमें पांच भारतीयों और एक भारतीय-कनाडाई नागरिक सहित 239 लोग सवार थे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 20, 2014, 17:40