लापता मलेशियाई विमान: खोज अभियान में शामिल हुआ भारत, मलेशिया ने खारिज किए नए सुराग

लापता मलेशियाई विमान: खोज अभियान में शामिल हुआ भारत, मलेशिया ने खारिज किए नए सुराग

लापता मलेशियाई विमान: खोज अभियान में शामिल हुआ भारत, मलेशिया ने खारिज किए नए सुराग कुआलालंपुर/बीजिंग/नई दिल्‍ली : एक मलेशियाई विमान के रहस्यमयी तरीके से लापता होने के मामले में गुरुवार को नए सुराग मिले जब अमेरिकी जांचकर्ताओं ने कथित रूप से संभावना व्यक्त की कि हो सकता है कि यह विमान अंतिम बार रेडियो संपर्क के चार घंटे बाद तक उड़ता रहा हो। उधर, चीन ने संभावित हादसे के स्थल की उपग्रह तस्वीरें जारी कीं।

हालांकि मलेशिया ने इन खबरों को खारिज किया कि 239 यात्रियों के साथ बोइंग 777 विमान रडार स्क्रीन से नदारद होने के बाद भी घंटों तक उड़ता रहा हो। मलेशिया ने कहा कि इस मामले में ये खबरें ‘गलत’ हैं। लापता विमान की खोज का कई देशों का अभियान आज छठे दिन में प्रवेश कर गया। एक अन्य सुराग को खारिज करते हुए मलेशिया ने कहा कि चीनी उपग्रह तस्वीरों में संभावित मलबे वाले क्षेत्र की खोज के लिए भेजे गये विमानों को कुछ नहीं प्राप्त हुआ।

उधर, भारत ने खोज अभियान के लिए तीन युद्धक विमान के साथ चार निगरानी विमान तथा ताजा पी8आई पनडुब्बी निरोधक युद्धक विमान तैनात किए हैं। मलेशिया के लापता यात्री विमान को ढूंढने की मुहिम में भारत में शामिल हो गया। इस काम में भारत ने तीन पोत तथा चार टोही विमान लगाए हैं। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि अंडमान-निकोबार कमान से आईएनएस कुंभीर, नौसेना के पोत आईएनएस सरयू एवं तटरक्षक बल का पोत कनकलता बरूआ को उन इलाकों में भेजा गया है जिनका रेखांकन मलेशियाई सरकार ने किया है।

मलेशिया के कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुददीन अहमद ने कुआलालंपुर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विमान एमएच 370 के शनिवार को स्थानीय समयानुसार एक बजकर सात मिनट पर अंतिम बार ट्रांसमिशन रिकार्ड होने के बाद भी उड़ते रहने की खबरें पूरी तरह से ‘गलत’ हैं। उन्होंने कहा कि रोल्स रायस और बोइंग सहयोग कर रही हैं और उन्हें शनिवार को इस समय के बाद कोई ट्रांसमिशन प्राप्त नहीं हुआ। अहमद ने कहा कि वह अंतिम ट्रांसमिशन था। रहस्य को और गहराते हुए एक इंटरनेशनल अखबार ने खबर दी कि अमेरिकी जांचकर्ताओं को आशंका है कि वायु यातायात नियंत्रकों से संपर्क टूटने के बाद भी विमान चार घंटों तक उड़ता रहा।

यह संदेह विमान के इंजनों से मिले डाटा पर आधारित है जो नियमित रखरखाव कार्यक्रमों के तहत जमीन पर खुद से डाउनलोड और ट्रांसमिट हो गया। चीन के उपग्रहों द्वारा संदिग्ध मलबे की तस्वीरों पर अहमद ने कहा कि इसे देखने के लिए एक विमान भेजा गया लेकिन उसे वहां कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि चीन की उपग्रह की तस्वीरें गलती से जारी की गईं। मंत्री ने कहा कि जब तक कोई मलबा नहीं मिलता, हम यह नहीं सोच सकते कि हम जांच की दिशा में आगे बढ़े हैं।

वियतनाम ने भी कहा कि उसके विमानों और पोतों को चीन के उपग्रह तस्वीरों में बताया गया कोई मलबा नहीं मिला। इससे पहले चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस (एसएएसटीआईएनडी) ने कहा कि चीन के एक उपग्रह को विमान के लापता होने के संभावित जगह पर तैरती हुयी तीन वस्तुएं नजर आयी थी, लेकिन इस पर आश्वस्त नहीं है कि क्या वह विमान का मलबा है। ये वस्तुएं मलेशिया और वियतनाम के बीच जल क्षेत्र में कथित रूप से देखी गईं। अहमद ने कहा कि हर दिन गुजरने के साथ जांच और मुश्किल होती जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य खोज प्रयास दक्षिण चीन सागर में चल रहे हैं। नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख अजहरूददीन रहमान ने कहा कि अंडमान सागर में खोज के लिए हमें भारत सरकार से सहयोग मिल रहा है। खोजी अभियान में अंडमान सागर और मलक्का जलडमरूमध्य जल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया है लेकिन अब तक कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है।

First Published: Thursday, March 13, 2014, 20:11

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