Last Updated: Thursday, April 3, 2014, 15:26
पर्थ: मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने आज यहां एक सैन्य केन्द्र का दौरा किया जो दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान एमएच 370 के मलबे का पता लगाने के लिए बहुराष्ट्रीय खोज का समन्वय कर रहा है। इसी बीच आस्ट्रेलिया ने कहा कि इस दुर्घटनाग्रस्त विमान का पता लगाना मानवीय इतिहास में सबसे कठिन है तथा इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इसका पता चल जायेगा।
आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने नजीब की उपस्थिति में संवाददाताओं से कहा, ‘‘एमएच 370 की खोज की अंतिम सफलता को लेकर हम निश्चित नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह संभवत: सबसे कठिन खोज है..लेकिन मैं लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि दुनिया के सर्वोत्तम दिमाग इस पर काम कर रहे हैं।’ एबट ने कहा, ‘लेकिन हम विश्वास से कह सकते हैं कि हम कोई प्रयास नहीं छोड़ेंगे जब तक कि हम मनुष्य के तौर पर यथासंभव प्रयास नहीं कर लेते।’ नजीब की सरकार इस आपदा से निपटने को लेकर आलोचनाओं का शिकार बनी है। उन्होंने पीयर्स आरएएएफ में खोज अभियान में लगे चालक दलों से मुलाकात की। ये चालक दल इसके बाद आज दक्षिणी हिन्द महासागर में तलाश के लिए निकल गये।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हम निश्चित तौर पर यह दिखा देंगे कि राष्ट्रों के समूह के रूप में हम क्या कर सकते हैं। हम जवाब हासिल करना चाहते हैं। हम परिवारों को राहत पहुंचाना चाहते हैं। हम तब तक आराम नहीं करेंगे जब तक कि जवाब नहीं मिल जाते।’ मलेशिया एयरलाइंस का बोइंग 777-200 विमान 8 मार्च को राडार स्क्रीन से रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। इस विमान में पांच भारतीय नागरिकों सहित 239 लोग सवार थे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 3, 2014, 15:26