Last Updated: Sunday, November 10, 2013, 23:50
वाशिंगटन : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में होने वाले चुनावों के दौरान दोनों देशों की सक्रिय भागीदारी और नयी दिल्ली में नयी सरकार के तहत द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने के मकसद से आधारशिला रखने के लिए अगले छह महीने के लिहाज से मजबूत एजेंडा तय किया है।
गत 27 सितंबर को व्हाहट हाउस में ओबामा और सिंह की तीन घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के दौरान दोनों इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को छह महीने की अवधि के लिए महत्व प्रदान करना होगा क्योंकि भारत चुनाव के अहम चरण की ओर बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच रिश्तों को ओबामा 21वीं सदी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानते हैं।
आपस में व्यक्तिगत लगाव रखने वाले ओबामा और सिंह ने अगले छह महीने में सक्रिय भागीदारी के लिए एक मजबूत एजेंडा तय किया और जमीनी रपरेखा तैयार की। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्र इसे अगले साल मई से पहले होने वाले आम चुनावों के बाद बनने वाली नयी भारत सरकार की ‘उड़ान’ की संज्ञा देते हैं।
सक्रिया भागीदारी के तहत दक्षिण और मध्य एशिया के लिए नवनियुक्त सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई विस्वाल जल्दी ही नयी दिल्ली की यात्रा कर सकती हैं। इससे पहले वह अमेरिका-भारत-जापान की त्रिपक्षीय वार्ता के लिए तोक्यो यात्रा पर जाएंगी। विदेश सचिव सुजाता सिंह भी साल समाप्त होने से पहले कुछ उच्चस्तरीय बैठकों के लिए वाशिंगटन की यात्रा कर सकती हैं।
जनवरी में अमेरिका के उर्जा मंत्री डॉ अर्नेस्ट मोनिज भारत आएंगे और यह यात्रा भारत-अमेरिका उर्जा सहयोग में नये चरण का रास्ता साफ कर सकती है। अमेरिका के नये गृह सुरक्षा मंत्री की भी जल्दी यात्रा की योजना पर काम हो रहा है। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह भी इस साल के समाप्त होने से पहले अमेरिका जा सकते हैं। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पहली बार ऐसा होगा जब भारत की तीनों सेनाओं के प्रमुख एक ही साल में अमेरिका जाएंगे। अमेरिका के रक्षा मंत्री चक हेगल की भारत यात्रा के लिए भी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
उच्चपदस्थ सूत्रों ने कहा कि हेगल भारत कब जाएंगे, इस बारे में अभी विचार होना है। अगले साल लोकसभा चुनावों से पहले क्या भारत-अमेरिका के रिश्ते निष्क्रियता के चरण में प्रवेश कर रहे हैं, इस पर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, ‘मैं ऐसा कभी नहीं कहूंगा।’ एक अन्य वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, हमारे सामने बहुत मजबूत एजेंडा है। प्रधानमंत्री सिंह की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण थी। ओबामा-सिंह की 27 सितंबर को हुई मुलाकात से जुड़े सूत्रों ने दोनों नेताओं के बीच मजबूत व्यक्गित संबंधों का श्रेय इस नयी दिशा और उमंग को दिया।
ओबामा ने ओवल ऑफिस में मनमोहन सिंह से हुई मुलाकात के दौरान न केवल उनकी सेहत के बारे में पूछा बल्कि प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं जो रिकार्ड के अनुसार 26 सितंबर है। उस समय सिंह ने तत्काल ओबामा को बताया कि यह उनका वास्तविक जन्मदिन नहीं है और 26 सितंबर उनके स्कूली रिकार्ड में उनके प्रवेश के समय दर्ज कराई गयी तिथि है। सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच इस तरह का लगाव है।
सूत्रों के मुताबिक ओबामा प्रधानमंत्री सिंह को एक अर्थशास्त्री के तौर पर बहुत इज्जत देते हैं और इसलिए उन्होंने देश के आर्थिक मुद्दों समेत कई विषयों पर सिंह से सलाह मांगी जिनमें मंदी और राष्ट्रीय कर्ज जैसे संवेदनशील विषय शामिल हैं। समझा जाता है कि ओबामा सार्वजनिक राजस्व एकत्रित करने के और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के निर्माण में सार्वजनिक-निजी साझेदारी के भारतीय मॉडल में भी दिलचस्पी रखते हैं।
अमेरिका यात्रा के एक महीने बाद चीन यात्रा पर गये सिंह ने ओबामा से उनके ओवल दफ्तर में हुई मुलाकात में नये चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के व्यक्तित्व के बारे में भी बातचीत की थी जिनसे ओबामा इस साल की शुरूआत में कैलीफोर्निया में मिले थे।
दोनों नेताओं ने संक्षिप्त रूप से चीन के विकास मॉडल पर चर्चा की जहां प्रधानमंत्री ने अपने अनुभव साझा किये। समझा जाता है कि ओबामा ने सिंह से उनकी ईरान यात्रा और खासतौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी से उनकी मुलाकात के बारे में भी जानना चाहा।
माना जा रहा है कि ईरान पर भारत के रख को साझा करते हुए सिंह ने ओबामा को बताया कि खुमैनी ने उनसे कहा कि ईरान परमाणु हथियार बनाने में दिलचस्पी नहीं रखता। ओबामा-सिंह की मुलाकात में अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे विषय भी रहे। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने इस मुलाकात को बहुत सफल करार दिया जो उनकी अपेक्षाओं से भी बढ़कर रही। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 10, 2013, 23:50