Last Updated: Friday, February 21, 2014, 22:02

इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार द्वारा तालिबान द्वारा 23 जवानों को मारे जाने की घटना को लेकर शांति वार्ता रोकने के कुछ दिन बाद सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बलों के पास खासा अनुभव है तथा वे किसी भी अंदरूनी या बाहरी खतरे से निपटने में सक्षम हैं।
शरीफ ने पेशावर स्थित फ्रंटियर कोर के मुख्यालय के दौरे में यह बात कही। तालिबान के एक गुट ने जिन 23 सैनिकों को मारा है वह इसी फ्रंटियर कोर के हैं।
सेना की मीडिया शाखा ने शरीफ को यह कहते हुए उद्धृत किया है ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के पास खासा अनुभव है और वह हमारे प्यारे देश की अखंडता तथा संप्रभुता पर आसन्न किसी भी अंदरूनी या बाहरी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं।’ आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षा बलों की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने उन जवानों, अधिकारियों तथा पुलिस कर्मियों के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने देश की मदद से, उग्रवाद प्रभावित इलाकों को उग्रवाद से मुक्त कराया।
शरीफ ने कहा, ‘हम भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’ जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए शरीफ ने कहा कि देश उनके बलिदानों से अवगत है जो उन्होंने आतंकवाद के खात्मे के लिए राष्ट्रीय प्रयास के दौरान दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
सेना प्रमुख की इन टिप्पणियों के एक दिन पहले ही वायु सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान और खबर कबायली इलाकों में हमले किए और कम से कम 40 उग्रवादियों को मार गिराया। ये हमले सरकार द्वारा प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता रोकने के फैसले के बाद किए गए। यह फैसला फ्रंटियर कोर के 23 जवानों के मारे जाने की घटना को लेकर किया गया।
यह अटकलें तेज हैं कि सेना तालिबान के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने के पक्ष में है लेकिन सरकार में और विपक्ष में बैठे कुछ तत्व ऐसा नहीं चाहते। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 21, 2014, 22:02