Last Updated: Thursday, January 16, 2014, 20:59
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में राष्ट्रद्रोह मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने आज पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की सेहत की जांच के लिए एक चिकित्सा बोर्ड गठित करने का आदेश दिया। इससे पहले मुशर्रफ के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को उपचार के लिए अमेरिका भेजा जाना चाहिए।
रावलपिंडी स्थित ‘आर्म्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्डियोलॉजी’ (एएफआईसी) के चिकित्सकों वाला बोर्ड 70 साल के मुशर्रफ की सेहत की जांच करेगा और 24 जनवरी को अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। मुशर्रफ के वकील अहमद रजा कसूरी ने कहा, ‘अदालत ने चिकित्सा बोर्ड से कहा है कि वह कई सवालों का जवाब तलाशे। पहली बात यह पता लगाई जाए कि मुशर्रफ को सर्जरी की जरूरत है या नहीं। दूसरी बात यह पता लगानी है कि मुशर्रफ के पूरी तरह स्वस्थ होने में कितना समय लगेगा।’
इससे पहले मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर ने उनके राष्ट्रद्रोह मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से कहा कि संकट में घिरे पूर्व तानाशाह को उनके डाक्टर ने इलाज के लिए अमेरिका जाने की सलाह दी है। मुशर्रफ विशेष अदालत में दूसरी सुनवाई पर भी पेश नहीं हुए जबकि उन्हें इसके लिए चेतावनी दी गयी थी। मंसूर ने कहा कि उनके मुवक्किल खराब स्वास्थ्य के कारण पेश नहीं हो पाए।
मंसूर ने अदालत से कहा, ‘हमने दस्तावेजों के साथ टेक्सास के एक हृदय क्लिनिक के डाक्टरों का पत्र संलग्न कर दिया है। उन्होंने सिफारिश की है कि उन्हें आगे के इलाज के लिए उनके क्लिनिक में स्थानांतरित कर दिया जाए।’ इस विशेष अदालत का गठन वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने को लेकर मुशर्रफ के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के आरोप की सुनवाई के लिए किया गया है।
मंसूर ने पूर्व राष्ट्रपति के अमेरिका स्थित डाक्टर अजरुमंद हाशमी की चिट्ठी प्रस्तुत की । हाशमी ने मुशर्रफ को इलाज के लिए तत्काल विदेश भेजे जाने की सिफारिश की है। पहले मुशर्रफ का इलाज कर चुके हाशमी ने उनके हृदय की स्थिति पर कथित रूप से चिंता जतायी और उन्हें इलाज के लिए तुरंत टेक्सास में पेरिस रीजनल मेडिकल क्लीनिक भेजे जाने की सिफारिश की।
अदालत ने मुशर्रफ की पेशी के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और मामले की सुनवाई को मुल्तवी कर दिया। पूर्व सेना प्रमुख अब तक तीन सदस्यीय अदालत में पेश नहीं हो पाए हैं। वह हर बार सुरक्षा कारणों और स्वास्थ्य का हवाला दे देते हैं। बीते दो जनवरी को अदालत ले जाने के दौरान हृदय में परेशानी होने के बाद मुशर्रफ को रावलपिंडी के एआईएफसी में भर्ती कराया गया था। उन्हें कोरोनरी आर्टरी बीमारी होने का पता चला।
उधर, सरकारी वकील अकरम शेख ने छह बार सम्मन भेजे जाने के बाद भी पेश नहीं होने पर मुशर्रफ के खिलाफ अदालत की अवमानना की सुनवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अदालतें आरोपी का इंतजार नहीं कर सकती और उन्होंने मिस्र के पूर्व तानाशाह हुस्नी मुबारक का उदाहरण दिया जिन्हें स्ट्रेचर पर अदालत में लाया गया था। ऐसी अटकलें हैं कि मुशर्रफ को विदेश में इलाज के वास्ते पाकिस्तान छोड़ देने की अनुमति को लेकर सौदा हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 16, 2014, 20:59