Last Updated: Friday, January 24, 2014, 19:53

इस्लामाबाद : पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में एंजीयोग्राफी कराने से इनकार कर दिया है और वह अपने इलाज के लिए विदेश जाना चाहते हैं। आज विशेष अदालत को सौंपी गई मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मीडिया में यह खबर आई है।
हालांकि बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी लेकिन उसकी सामग्री लीक हो गई थी और विभिन्न समाचार चैनलों पर उन्हें दिखाया जा रहा था। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट प्राप्त करने का दावा करने वाले ‘एक्सप्रेस न्यूज’ने रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि मुशर्रफ के स्वास्थ्य की स्थिति ऐसी है कि दिल का दौरा उनके लिए ‘जानलेवा’ साबित हो सकता है।
विशेष अदालत ने 70 वर्षीय मुशर्रफ के स्वास्थ्य की जांच के लिए 16 जनवरी को आर्म्ड फोर्सेज इन्स्टीट्यूट कार्डियोलॉजी (एएफआईसी) के वरिष्ठ डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया था। मुशर्रफ को दो जनवरी को हृदय संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद अदालत ने बोर्ड के गठन का आदेश दिया था।
अदालत ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर 29 जनवरी को जिरह होगी और उसके बाद ही सुनवाई के लिए मुशर्रफ के अदालत में पेश होने के संबंध में फैसला सुनाया जाएगा। ‘एक्सप्रेस न्यूज’ की खबर के अनुसार, रिपोर्ट के मुताबिक मुशर्रफ पाकिस्तान में एंजीयोग्राफी नहीं कराना चाहते हैं क्योंकि देश में हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए गुणवत्तापूर्ण ढ़ांचा उपलब्ध नहीं है।
मेजर जनरल सैयद अहमरान मजीद की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर सरकारी अभियोजक अकरम शेख ने आपत्ति की है। परवेज मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह रिपोर्ट को गोपनीय रखे । हालांकि अभियोजक का कहना है कि मुशर्रफ एक सार्वजनिक व्यक्तित्व हैं और रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान में स्वतंत्र मीडिया के प्रावधान शामिल हैं। शेख ने मांग की है कि आगा खां अस्पताल, पीआईएमएस अस्पताल और शिफा इंटरनेशनल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञों को मिलाकर एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाना चाहिए जो वर्तमान रिपोर्ट की समीक्षा कर सके।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि देश के सभी हृदय रोग मरीजों को इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 24, 2014, 19:53