Last Updated: Friday, December 20, 2013, 15:29

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने अपने नौ वषरें के शासनकाल में की गई अपनी सभी संभावित गलतियों के लिए ‘माफी’ मांगते हुए कहा कि वह अपने विरुद्ध चल रहे सभी मामलों का सामना करेंगे और किसी बुजदिल की तरह देश छोड़कर नहीं भागेंगे।
मुशर्रफ ने एआरवाई न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘मैंने जो कुछ भी किया, देश के लिए किया। यह गलत हो सकता है, लेकिन इसके पीछे की मंशा गलत नहीं थी। फिर भी अगर किसी को लगता है कि मैंने गलती की है, तो मैं माफी मांगता हूं।’ इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित एक भव्य फार्म हाउस में पिछले आठ महीनों से नजरबंद मुशर्रफ का इस दौरान यह पहला साक्षात्कार है।
मुशर्रफ ने कहा कि वह खुद के खिलाफ चल रहे राजद्रोह जैसे गंभीर मामले सहित विभिन्न मामलों से बचने के लिए देश छोड़ कर नहीं भागेंगे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं कायर की तरह भागना नहीं चाहता और चीजों को साफ करने के लिए सभी मामलों का सामना करेंगे।’ गुरुवार रात प्रसारित इस साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘चाहे वहां सौ मामले हों।’ पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या से संबंधित मामले सहित अपने खिलाफ चल रहे सभी चार प्रमुख मामलों में जमानत हासिल कर चुके मुशर्रफ के खिलाफ वर्ष 2007 में देश में अपातकाल लगाने के मामले में विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है।
पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है, जब देश के किसी पूर्व सैन्य तानाशाह के खिलाफ देशद्रोह का मामला चल रहा है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर मुशर्रफ को उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है। इस साक्षात्कार के दौरान मुशर्रफ कई बार भावुक होते दिखे। यहां उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार और चरमपंथ एवं दहशतगर्दी को रोकना देश के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौती है। तालिबान और अन्य चरमपंथी समूहों के साथ बातचीत के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने इसका समर्थन किया था, लेकिन यह ‘वार्ता’ मजबूत स्थिति में की जानी चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं अपनी जिंदगी बख्शने के लिए उनके सामने भीख मांगने को लेकर सहमत नहीं हूं। सरकार कहती है कि बात करें और तालिबान कहता है कि हम बात करना नहीं चाहते।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, वे सरकार का सम्मान नहीं करते और सरकार को अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिए।
हालांकि इसके साथ ही मुशर्रफ ने कहा कि तालिबान और अन्य समूह ‘हमारे अपने ही लोग हैं’, जो रास्ता भटक गए हैं। मुशर्रफ ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार और देश में विदेशी निवेश को आकषिर्त करने एवं उद्योगों की स्थापना के लिए आतंकवाद और चरमपंथ को काबू किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान पीएमएल-एन सरकार आईएमएफ के सामने ‘भीख’ मांग रही है।
मुशर्रफ ने कहा, ‘दुनिया में भिखारियों का कोई सम्मान नहीं है। हम आईएमएफ के समक्ष भीख मांग रहे हैं। अगर कोई पाकिस्तानी पासपोर्ट दिखाता है, तो उसका कोई सम्मान नहीं होता। अर्थव्यवस्था को दुरस्त करना ही होगा।’ उन्होंने कहा कि अगर मुझे भविष्य में देश में दोबारा शासन करने का मौका मिला, तो मैं वहीं करूंगा जो पाकिस्तान के हित में होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 20, 2013, 15:29