Last Updated: Saturday, May 17, 2014, 09:42

वाशिंगटन-लंदन : अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत पर नरेन्द्र मोदी को ‘व्यावहारिक, समझदार नेता’ बताया, लेकिन साथ ही आगाह किया कि ‘फौलादी शैली’ से काम करने वाले राजनीतिज्ञ की राह में अनेक चुनौतियां हैं।
न्यूयार्क टाइम्स ने भाजपा की जीत पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘सामान्य पृष्ठभूमि से आए और हिंदू राष्ट्रवादी समूह की कतारों से होते हुए ऊपर उठे मोदी अपनी रूढ़िवादी विचारधारा और नेतृत्व की अपनी फौलादी शैली के साथ इस पद पर अपने पूर्ववर्तियों से बिल्कुल विपरीत साबित होंगे।’ टाइम्स ने कहा, ‘किसी कठोर, अनुशासित नेता के रूप में उनकी (मोदी की) छवि ने व्यापक वोटरों को आकर्षित किया है जिन्हें अपेक्षा है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, भारत की गिरती अर्थव्यवस्था को उछाल देंगे और विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजित करेंगे।’
अखबार ने कहा कि मोदी की जीत कई लोगों को परेशान करती है क्योंकि उनपर गुजरात में 2002 में ‘दंगा रोकने में नाकामी के लिए भारत के मुसलमान आरोप लगाते रहे हैं।’ वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘थकाऊ अभियान के बाद, आर्थिक सुधारक और हिंदू राष्ट्रवादी नरेन्द्र मोदी का भारत का अगला प्रधानमंत्री बनना तय है।’
पोस्ट ने कहा, ‘63 वर्षीय मोदी ने एक ऐसे समय उम्मीद और पुनरूज्जीवन के संदेश पर अभियान चलाया जब देश अवरूद्ध अर्थव्यवस्था से निढाल था और यह भावना घर किए हुए थी कि उज्ज्वल भविष्य का वायदा धूमिल हो गया है।’ पोस्ट ने यह कहते हुए आगाह किया कि कारोबारोन्मुखी मोदी को वृद्धि दर में हाल की गिरावट और रोजगार सृजन तथा आसमान चढ़ती मुद्रास्फीति की ‘गहरी चुनौतियों का सामना करना है।’
लास एंजिलिस टाइम्स ने भाजपा की जीत को ‘एक दुर्लभ शानदार चुनावी जीत बताया और यह करिश्माई, विवादित नेता नरेन्द्र मोदी के लिए समर्थन की राष्ट्रव्यापी लहर को प्रतिबिंबित करती है जो भारत के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।’ ब्रिटिश मीडिया का आम लहजा भाजपा की दक्षिणपंथी जड़ों पर चेतावनी सा प्रतीत होता है।
बीबीसी ने कहा, ‘भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा किसी अमरपक्षी की तरह मायूसी की गहराई से उठी है।’ बीबीसी ने कहा, ‘अपेक्षा है कि भाजपा कांग्रेस के शासन के एक दशक बाद भारत को दक्षिण की तरफ ले जाए।’ उसने कहा, ‘नए प्रधानमंत्री पश्चिमी राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे, जो व्यवहारिक, समझदार नेता के रूप में देखे जाते हैं जो विकास और मजबूत राष्ट्रवाद के पक्ष में खड़ा होते हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 17, 2014, 09:42