Last Updated: Tuesday, April 1, 2014, 16:13

वाशिंगटन : अमेरिका का कहना है कि उसकी राजदूत नैंसी पावेल का अचानक दिया गया इस्तीफा भारत के साथ अमेरिका के संबंधों में किसी नए समीकरण का संकेत नहीं है। साथ ही उसने यह भी कहा कि पर्दे के पीछे कोई ऐसी बड़ी कहानी भी नहीं है जिसके चलते उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा।
अमेरिकी विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी अफवाहें और अटकलें सही मायने में पूरी तरह गलत हैं। वह 37 साल बाद सेवानिवृत्त हो रही हैं और मई के अंत तक अपने घर डेलावेयर लौट रही हैं।’ उन्होंने यह बात अमेरिकी राजदूत पावेल द्वारा अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेजे जाने की घोषणा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कही।
मैरी ने कहा, ‘मेरे पास इस बात की कोई और जानकारी नहीं है कि उन्होंने अभी का समय क्यों चुना है, लेकिन इसका किसी भी तरह संबंधों में चल रहीं बातों से कोई लेना-देना नहीं है। इससे संबंधों में किसी भी तरह के समीकरण का कोई संकेत नहीं मिलता।’ उन्होंने कहा, ‘इसका किसी भी तरह किसी तनाव या किसी हालिया स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है। यहां पर्दे के पीछे कोई बड़ी कहानी नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि चुनाव से सात दिन पहले पावेल के त्याग पत्र से भारत एवं अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों में किसी तरह के नये समीकरण का संकेत मिलता है, उन्होंने कहा, ‘समय को लेकर कोई बड़ा रहस्य नहीं है।’ एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में पावेल (66) ने कल भारत में आम चुनाव के बीच अपना इस्तीफा सौंपने की घोषणा की थी।
उप प्रवक्ता मैरी ने कहा, ‘उन्होंने (पावेल ने) घोषणा की है कि उन्होंने अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति ओबामा को सौंप दिया है जैसा कि पिछले कुछ समय से योजना थी। यह 37 वर्ष के विख्यात करियर का अंत है। वह सेवानिवृत्ति की हकदार हैं। उनके करियर में युगांडा, घाना, पाकिस्तान, नेपाल और भारत की राजदूत का पद तथा अन्य विभिन्न स्थानों पर सेवाएं देना शामिल है। लेकिन मैं ऐसी किसी भी अफवाह को खारिज करना चाहूंगी कि इसका संबंध काफी समय पहले से तय उनकी सेवानिवृत्ति के अलावा किसी अन्य चीज से है।’ पावेल की जगह अगले राजदूत के बारे में अभी कोई निर्णय नही किया गया है। अमेरिका ने कहा कि भारत के साथ महत्वपूर्ण भागेदारी जारी रहेगी, भले ही अगला राजदूत किसी को भी बनाया जाये।
विदेश विभाग की उप प्रवक्ता ने कहा, ‘देखते हैं कि वह वास्तव में कब वापस लौटती है और उनकी जगह किस को भेजा जाता है। निश्चित तौर पर भारत और अमेरिका के संबंध किसी एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं हैं। यह बात बेहद महत्वपूर्ण है कि विदेश मंत्री जान कैरी तथा व्हाइट हाउस के विभिन्न अधिकारी इसमें संलग्न हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लिहाजा संबंध हमारे राजदूत से कहीं ज्यादा व्यापक हैं। हालांकि वह बहुत प्रशसंनीय और अद्भुत है और फिर मुझे लगता है कि 37 वर्ष के बाद सेवानिवृत्ति की हकदार हैं।’ हर्फ ने कहा कि अमेरिका आम चुनाव के बाद नई भारतीय सरकार के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है तथा द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं तथा मजबूत बने रहेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 1, 2014, 16:13