Last Updated: Wednesday, May 21, 2014, 08:36

बीजिंग : भारत में नरेन्द्र मोदी के सरकार गठन करने की ओर कदम बढ़ाने के बीच चीनी आधिकारिक मीडिया ने आज यह विचार जाहिर किया कि चीन को निशाना बनाने के लिए वह ‘भारत के अबे’ नहीं बनेंगे, बल्कि सीमा विवाद जैसे पेचीदे मुद्दों का हल करने के लिए ‘भारत के निक्सन’ हो सकते हैं। सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स में यहां यह आशंका जताई गई कि भाजपा नेता ‘भारत के अबे’ (जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे, जिनसे चीन बहुत नफरत करता है) बन सकते हैं।
चीन की आधिकारिक मीडिया 63 वर्षीय मोदी को बहुत तवज्जो दे रहा है, जिनकी पार्टी भाजपा ने भारी जनादेश के साथ लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। इसने कहा है कि चीन-भारत सीमा मुद्दा कांग्रेस के तत्कालीन नेता जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में पैदा हुआ, मोदी और भाजपा का इसे लेकर कोई ऐतिहासिक परेशानी नहीं है जिससे इस पेचीदे मुद्दे का हल करने में मदद मिल सकती है।
अखबार ने कहा है कि नये प्रधानमंत्री भारत के बुनियादी ढांचा और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देंगे और इसके बाद चीनी उद्यमियों के लिए ढेरों अवसर होंगे। भारतीय राजनीतिक में दक्षिणपंथी होने के नाते मोदी के भारत का ‘निक्सन’ बनने की बहुत संभावना है जो चीन-भारत संबंध को और आगे ले जाएगा। आलेख में कहा गया है कि कुछ पश्चिमी मीडिया चीन और भारत के बीच मतभेद पैदा कर रहा है। वे मोदी को ‘भारत का अबे’ के रूप में चित्रित कर रहे हैं जिन्होंने चीन के खिलाफ सख्त रूख अपनाया था। गौरतलब है कि चीन ने 90 करोड़ डॉलर से अधिक निवेश गुजरात में किया है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 20, 2014, 23:46