Last Updated: Friday, May 2, 2014, 15:55
वाशिंगटन : अमेरिका और उसके कुछ नाटो सहयोगियों का मानना है कि यूक्रेन में रूस का हस्तक्षेप द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से विकसित हुए वैश्विक सुरक्षा प्रबंधों को ‘गंभीर खतरा’ है।
नाटो के उप महासचिव अलेक्जेंडर वर्शबो ने कल कहा कि रूस के क्रीमिया पर कब्जे और पूर्वी यूक्रेन को और अस्थिर बनाने की उसकी स्पष्ट कोशिशों के मद्देनजर नाटो उसे एक विरोधी के तौर पर देखने के लिए बाध्य है। नाटो में अमेरिका के पूर्व राजदूत वर्शबो ने कहा कि रूस का हस्तक्षेप करने का हालिया रख द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विकसित हुए वैश्विक सुरक्षा प्रबंधों को ‘गंभीर खतरे’ पैदा करता है।
रूस के इस आक्रामक व्यवहार से पोलैंड और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों जैसे नाटो के नए सदस्य सबसे अधिक चिंतित हैं जो पहले सोवियत क्षेत्र के प्रभाव का हिस्सा थे लेकिन उन्होंने 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पश्चिमी समूह का हिस्सा बनना चुना।
हालांकि यूरोप में नाटो के कुछ पुराने सदस्य इस बारे में अधिक चिंतित नहीं है और यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के लिए उसे दंडित करने की कोशिश किए जाने को उतना आवश्यक नहीं समझते हैं।
सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष कार्ल लेविन ने यूक्रेन की हाल की अपनी यात्रा के बाद कल कहा कि उन्हें लगता है कि वाशिंगटन को मॉस्को के विरोध के मामले में यूक्रेनी सरकार के प्रति अपना समर्थन और मजबूत करना होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 2, 2014, 15:55