ब्रिटिश अदालत ने शंकरन के प्रत्यर्पण की सीबीआई की मांग खारिज की

ब्रिटिश अदालत ने शंकरन के प्रत्यर्पण की सीबीआई की मांग खारिज की

लंदन : चर्चित नौसेना वाररूम लीक कांड के प्रमुख आरोपी रवि शंकरन के प्रत्यर्पण के भारत के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब एक शीर्ष ब्रिटिश अदालत ने उनकी मांग खारिज कर दी और सीबीआई को उसे एक करोड़ रुपये कानूनी खर्च के लिए देने को कहा।

लार्ड ब्रायन लेवेसन और जस्टिस ब्लेक की दो सदस्यीय हाईकोर्ट पीठ ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि पहली नजर में रवि शंकरन के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। पीठ ने कहा कि भारत में अदालत में आज तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है जबकि मामला जून 2006 में दायर हुआ था।

अदालत ने सीबीआई से 47 वर्षीय शंकरन को एक करोड़ रूपये से अधिक की राशि को कानूनी खर्चे के तौर पर देने को भी कहा। सीबीआई के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए 14 दिन का समय है। अदालत के फैसले ने ब्रिटिश गृह सचिव थेरेसा मे के पिछले साल के मई के प्रत्यर्पण आदेश और इससे पहले के डिस्ट्रिक्ट जज निकोलस एवांस के फैसले को पलट दिया।

शंकरन ने हाई कोर्ट में गृह सचिव के आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने इस साल फरवरी में दो दिन इस मामले की सुनवाई की थी और कल अपना फैसला सुनाया। शंकरन वार रूम की खुफिया सूचनाएं हथियारों के सौदेबाजों को लीक करने का प्रमुख आरोपी है। वह मार्च 2006 में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के बाद से फरार है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 2, 2014, 18:22

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