तालिबान के साथ वार्ता को एक और मौका देंगे : शरीफ

तालिबान के साथ वार्ता को एक और मौका देंगे : शरीफ

इस्लामाबाद : पाकिस्तान तालिबान के साथ विफल वार्ता के संबंध में एक और मौका दिए जाने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के साथ शांति वार्ता की देखरेख के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि उन्हें हमले रोकने होंगे जिनमें हाल ही में तेजी आयी है।

शरीफ ने नेशनल असेम्बली में कहा, ‘इस स्थिति को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शांति कोई पसंद नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य है। किसी भी सूरत में शांति स्थापित की जाएगी। आतंकी हमले बंद होने चाहिए। आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।’ उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस मामले में पूरी सरकार एक मत है।

उन्होंने कहा, ‘हम शांति को एक और मौका देना चाहते हैं।’ शरीफ ने कहा कि आल पार्टी कांफ्रेंस ने फैसला किया है कि वार्ता होगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया ताकि वे नागरिकों की जिंदगी और उनकी संपत्ति से न खेल सकें। ताकि वे संविधान का अनुसरण करें। दुर्भाग्य से उन्होंने हमारी अपील पर ध्यान नहीं दिया और सुरक्षा बलों तथा नागरिकों को निशाना बनाना जारी रखा।’

उन्होंने कहा कि राष्ट्र पिछले 14 साल से इसलिए आतंकवाद को झेल रहा है क्योंकि प्रशासन ने ‘गैरकानूनी’ फैसला किया था। शांति वार्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा करते हुए शरीफ ने बताया कि इरफान सिद्दीकी , रहीमुल्लाह युसूफजई , रूस्तम शाह मेहमांद और मेजर आमीर इसके सदस्य होंगे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 29, 2014, 16:53

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