माओवादी संविधान सभा में शामिल होने को राजी, नेपाल में राजनीतिक संकट टला

माओवादी संविधान सभा में शामिल होने को राजी, नेपाल में राजनीतिक संकट टला

काठमांडो : नेपाल में लंबे समय से चला आ रहा राजनीतिक संकट आज उस वक्त खत्म हो गया जब माओवादी पार्टी संविधान सभा में शामिल होने पर सहमत हो गई। नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल तथा यूसीपीएन-माओवादी ने चार सूत्री समझौते पर सहमति जताई। नए समझौते में एक संसदीय बोर्ड के गठन की बात भी शामिल है। यह बोर्ड चुनाव कथित अनियमितताओं की जांच करेगा। इसके अलावा गृहयुद्ध के दौरान सरकारी सुरक्षा बलों तथा पूर्व व्रिदोहियों की ओर से किए गए अत्याचार के मामले की जांच के लिए सत्य एवं सुलह आयोग का गठन करने पर भी सहमति बनी है। यूसीपीएन-माओवादी के नेता नारायण काजी श्रेष्ठ ने इस समझौते के बारे में जानकारी दी। समझौते में इसका जिक्र नहीं है कि चुनाव में कथित अनियमितताओं की जांच करने वाले संसदीय बोर्ड की अध्यक्षता कौन करेगा। माओवादी पार्टी मांग करती रही है कि पार्टी प्रमुख प्रचंड को इसका स्थायी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।

सीपीएन-यूएमएल के नेता रघुजी पंत ने कहा कि मधेसी पार्टियों के साथ बातचीत के बीच किसी समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। समझौते के तहत नेपाल के तीनों प्रमुख निर्वाचन आयोग से आग्रह कर सकते हैं कि संविधान सभा में आनुपातिक प्रक्रिया के तहत चुने जाने वाले प्रतिनिधियों के उम्मीदवारों के अंतिम सूची सौंपने की समयसीमा को बढ़ाई जाए। प्रचंड के नेतृत्व वाले माओवादी पार्टी ने बीते 19 नवंबर को हुए संविधान सभा के चुनाव में करारी हार के बाद संविधान सभा में जाने से इंकार कर दिया था। उसका आरोप था कि चुनाव में धांधली हुई है। तीनों प्रमुख दलों के बीच सहमति के बाद नयी सरकार के गठन और नए संविधान का मसौदा तैयार करने का रास्ता साफ हो गया है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 24, 2013, 20:59

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