Last Updated: Tuesday, November 19, 2013, 09:18
ज़ी मीडिया ब्यूरोकाठमांडो : भारत के पड़ोसी देश नेपाल में राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करने के लिए एक बार फिर आज संविधान सभा के सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारत-नेपाल की सीमा सील कर दी गई है। चुनाव में खलल डालने की सीपीएन माओवादी नीत गठबंधन की धमकियों और हिंसा की कोशिशों को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि चुनाव से जुड़ी धमकियों के मद्देनजर भारत से लगी सीमा बीते सप्ताहांत सील कर दी गई। सीमा के आर पार वाहनों और लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त नीलकंठ उप्रेती ने बताया, 19 नवंबर के चुनाव के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सरकार ने इन महत्वपूर्ण चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 60,000 सैनिक सहित 2 लाख सुरक्षाकर्मी और एक लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों की व्यवस्था की है।
इस चुनाव के जरिए नेपाल 601 सदस्यीय संविधान सभा चुनेगा जो नया संविधान तैयार करेगी। संविधान सभा में 240 सदस्य प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली से चुने जाएंगे। 335 सीटों के लिए आनुपातिक मतदान होगा और शेष 26 सदस्यों को सरकार नामित करेगी। उप्रेती ने कहा है माओवादियों की धमकियों के बावजूद ऐसा कोई व्यवधान नहीं है जो चुनाव को प्रभावित करे। माओवादियों ने लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने को कहा है। उन्होंने बताया कि असंतुष्ट संगठनों से चुनाव में बाधा नहीं डालने को कहा गया है हालांकि, वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर सकते हैं।
उप्रेती ने इन संगठनों से कहा, चुनाव का बहिष्कार करने के अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने के दौरान आप कृपया मतदाताओं के अधिकारों का सम्मान करें। मोहन वैद्य के नेतृत्व वाली सीपीएन माओवादी ने चुनाव बाधित करने के लिए नौ दिन की परिवहन हड़ताल का आह्वान किया है जो मंगलवार तक प्रभावी है। मतदान सुबह सात बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगा। यह पहला मौका है जब पूरे देश में मतदाता पहचान पत्र के साथ चुनाव हो रहा है। सरकार ने मतदान को बढ़ावा देने के लिए रविवार से तीन दिन के अवकाश की घोषणा की है।
उप्रेती ने बताया कि मतदान के लिए चुनाव सामग्री 18,400 मतदान केंद्रों पर पहुंचा दी गई है। चुनाव अधिकारी भी मतदान केंद्रों पर पहुंच गए हैं और 90 फीसदी मतदाता पहचान पत्र बांट दिए गए हैं। शेष पहचान पत्र भी सोमवार शाम तक मतदाताओं तक पहुंचा दी गई है।
उप्रेती ने सोमवार दोपहर टीवी पर एक सीधे प्रसारण के जरिए लोगों से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा हमने करीब सवा करोड़ मतदाताओं से अपना वोट डालने की अपील की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पिछली संविधान सभा के लिए 2008 में हुए चुनाव से कम मतदान नहीं होगा जिसमें 61 फीसदी मतदान हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और बेखौफ मतदान के लिए पूरी सुरक्षा मुहैया की है।
मतदान के एक दिन पहले तक हिंसा जारी रही जबकि सीपीएन माओवादी ने दावा किया है कि उसका बहिष्कार शांतिपूर्ण है। सपतारी जिले में जिला निर्वाचन कार्यालय के पास दो बम रखे गए थे जिन्हें सोमवार सुबह सेना की एक टीम ने निष्क्रिय कर दिया। डांग जिले में एक पुलिस कार्यालय के पास एक विस्फोट हुआ जबकि संदिग्ध माओवादियों ने सोमवर सुबह जुमला जिले के खालंगा में एक बस में आग लगा दी। सुरखेत जिले में बीती रात संदिग्ध माओवादियों ने एक बस में आग लगा दी।
सीपीएन माओवादियों द्वारा चुनाव विरोधी गतिविधियां तेज करने और पिछले 10 दिन के दौरान संदिग्ध माओवादियों द्वारा वाहनों पर पेट्रोल बम फेंके जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने हिंसा में कथित संलिप्तता को लेकर सीपीएन माओवादी के करीब 800 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
उप्रेती ने बताया कि प्रत्यक्ष चुनाव के नतीजे एक हफ्ते के अंदर घोषित कर दिए जाएंगे, जबकि आनुपातिक मतदान प्रणाली के मतों की गिनती में और दो हफ्ते का वक्त लगेगा। 235 विदेशी पर्यवेक्षक सहित करीब 23000 पर्यवेक्षकों को चुनाव की निगरानी की इजाजत दी गई है। उप निर्वाचन आयुक्त विनोद जुत्शी पर्यवेक्षकों के एक भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। यूरोपीय संघ, कार्टर सेंटर और एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी अपनी टीमें भेजी हैं। कार्टर सेंटर की टीम का नेतृत्व अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर कर रहे हैं। यूरोपीय संघ ने करीब 100 पर्यवेक्षक भेजे हैं। दक्षेस देशों, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया से भी पर्यवेक्षक आए हैं।
First Published: Tuesday, November 19, 2013, 08:46