Last Updated: Thursday, December 12, 2013, 16:39
वाशिंगटन : एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने भारतीय चिंताओं को वाजिब बताते हुए कहा कि 2014 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर वहां के विदेशी लड़ाकों के भारतीय सीमा की तरफ जाने का अभी कोई खतरा नहीं है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान मामलों के विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि जेम्स डोबिन्स ने कल कहा, ‘मैं नहीं समझता कि अफगानिस्तान के विदेशी लडाकों के भारतीय सीमा पर जाने का निकट भविष्य में कोई खतरा है। बदकिस्मती से, अन्य चीजों के साथ, अफगानिस्तान में जंग खत्म नहीं हुई है।’
डोबिन्स ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों की समिति की ओर से आहूत अफगानिस्तान पर संसदीय सुनवाई में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘लेकिन भारतीय चिंता वैध है और यह ऐसी कोई चीज नहीं है जिसके बारे में हमें सचेत रहने की जरूरत है।’
डोबिन्स ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के प्रयासों को ‘ईमानदाराना’ बताते हुए पाकिस्तान के साथ उसके पुराने अनुभवों को देखते हुए भारत की चिंताएं स्वीकार की। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में पारंपरिक रूप से सुरक्षा दायरा अधिकाधिक रूप से सेना के लिए छोड़ दिया गया है, और वे अधिकाधिक असैनिक निगरानी या नियंत्रण से मुक्त हैं। पिछली बार नवाज शरीफ ने उस तरह के नियंत्रण की कोशिश की थी, उन्हें जनरल परवेज मुशर्रफ ने सत्ता से बेदखल कर दिया था।’
डोबिन्स ने कहा, ‘इसलिए, उन्हें एहतियात बरतना होगा कि कितनी जल्द वह सेना पर असैनिक नियंत्रण स्थापित करने के लिए कदम उठाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि उन्होंने (शरीफ ने) खुद को बहुत स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया कि जब तक अफगानिस्तान शांति से नहीं रहता और भारत के साथ रिश्ते नहीं सुधरते, पाकिस्तान सुरक्षित नहीं हो सकता।’
डोबिन्स ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि उन्होंने (शरीफ ने) दोनों दिशाओं में बढ़ने का प्रयास किया। मैं समझता हूं कि भारत सरकार उनके शब्दों पर यकीन करती है और उन्हें ईमानदार मानती है। उन्हें थोड़ा शक है कि शरीफ पाकिस्तानी सेना पर पर्याप्त प्रभाव स्थापित करने में कामयाब हो सकेंगे।’ इसी हफ्ते विदेश सचिव सुजाता सिंह से मुलाकात कर चुके डोबिन्स ने कहा कि अफगान मुद्दों पर अमेरिका भारत के साथ निकटता से काम कर रहा है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 12, 2013, 16:39