Last Updated: Saturday, January 11, 2014, 09:42
ज़ी मीडिया ब्यूरोवाशिंगटन : भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के नई दिल्ली लौटने के बाद अमेरिका ने कहा कि इस वरिष्ठ राजनयिक को कोई छूट नहीं दी गई है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है। विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन प्साकी ने संवाददाताओं से कहा, विदा होने से पहले उन्हें और भारत सरकार को बता दिया गया था कि उन्हें अमेरिका लौटने की इजाजत नहीं है, अदालत का आदेश उसका अपवाद है। उन्होंने कहा, भविष्य में उन्हें नियमित वीजा जारी करने से रोकने के लिए उनका नाम वीजा और आव्रजन लुकआउट सिस्टम में डाल दिया जाएगा और उनकी वापसी के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया जा सकता है।
उधर, अमेरिका में एक ज्यूरी द्वारा वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के लिए अभ्यारोपित वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े शुक्रवार रात स्वदेश लौट आईं। वहीं, भारत ने सख्त रवैया अपनाते हुए नई दिल्ली स्थित अमेरिका दूतावास एक वरिष्ठ राजनियक को देश छोड़कर जाने के लिए कहा है।
बहरहाल, अमेरिकी सरकार ने देवयानी की संयुक्त राष्ट्र की मान्यता मंजूर कर ली जिससे उन्हें पूरी कूटनीतिक छूट मिलेगी। वीजा धोखाधड़ी मामले में 12 दिसंबर को गिरफ्तारी के वक्त देवयानी न्यूयॉर्क में डिप्टी-कौंसल जनरल के पद पर तैनात थीं और इस वजह से उन्हें सीमित कूटनीतिक छूट मिली थी।
‘जैसे को तैसा’ की नीति के तहत की गई भारत की यह कार्रवाई किसी अमेरिकी राजनयिक को देश से निकालने की मात्र दूसरी घटना है। इससे पहले, करीब 33 साल पूर्व तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार जॉर्ज ग्रिफिन को भारत से निकाला गया था। दरअसल, अमेरिका ने उस वक्त भारतीय राजनयिक प्रभाकर मेनन को अपने देश से निकाल दिया था जिसके बदले में कार्रवाई करते हुए भारत ने भी जॉर्ज ग्रिफिन को निष्कासित कर दिया था।
‘निष्कासन’ शब्द के इस्तेमाल से परहेज करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि अमेरिकी दूतावास से कहा गया है कि वह देवयानी की रैंक के अपने एक राजनयिक को ‘हटा लें’ क्योंकि सरकार के पास ऐसा मानने की वजह है कि वह राजनयिक देवयानी मामले से जुड़ी प्रक्रियाओं और उसके बाद अमेरिका की ओर से की गयी एकतरफा कार्रवाइयों में शामिल रहा है। हालांकि, सूत्रों ने उस अमेरिकी राजनयिक के नाम का खुलासा नहीं किया।
माना जा रहा है कि यह राजनयिक देवयानी की फरार घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड के परिवार को भारत से उठाकर ले जाने के मामले में शामिल रहा है। इससे पहले, नाटकीय घटनाक्रमों के दिन न्यूयॉर्क की एक ग्रैंड ज्यूरी ने देवयानी पर वीजा धोखाधड़ी और गलतबयानी करने के मामले में आरोप तय किए। हालांकि, पूरी कूटनीतिक छूट के बाद वह भारत लौट आईं। जिला जज शाइरा शेंडलिन को लिखे पत्र में अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने कहा कि 39 साल की देवयानी के खिलाफ आरोप कायम रहेंगे और यदि वह बिना कूटनीतिक संरक्षण के वापस अमेरिका आती हैं तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया था कि देवयानी की कूटनीतिक छूट खत्म कर दी जाए पर भारत द्वारा अमेरिका का यह अनुरोध न मानने पर देवयानी को अमेरिका से जाने को कहा गया। भरारा ने कहा कि ग्रैंड ज्यूरी ने देवयानी की घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन के मामले में भारतीय राजनयिक पर वीजा धोखाधड़ी और गलतबयानी के आरोप तय किए। भारत-अमेरिका मुख्यालय समझौते के तहत देवयानी को 8 जनवरी को पूरी कूटनीतिक छूट दी गयी थी। भारत ने 9 जनवरी को अमेरिका का वह अनुरोध ठुकरा दिया था जिसमें देवयानी की कूटनीतिक छूट खत्म करने की मांग की गयी थी।
देवयानी को 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 250,000 अमेरिकी डॉलर के बांड पर रिहा किया गया था। गिरफ्तारी के बाद कपड़े उतारकर देवयानी की तलाशी ली गयी थी और उन्हें नशेड़ियों के साथ रखा गया था जिससे भारत और अमेरिका के बीच तनातनी बढ़ गई। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकार कम कर दिए।
अमेरिका ने शुक्रवार इस बात पर गहरा दुख जताया कि वीजा धोखाधड़ी मामले में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के अभ्यारोपित होने के बाद उन्हें देश छोड़कर जाने के लिए कहने पर भारत ने एक अमेरिकी राजनयिक को देश से निकालना जरूरी समझा। विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा कि हमें गहरा दुख है कि भारत सरकार को हमारे एक राजनयिक को देश से निकालने की जरूरत महसूस हुई।
First Published: Saturday, January 11, 2014, 08:41