Last Updated: Wednesday, May 28, 2014, 23:22
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विश्व में आतंकवाद और चरमपंथ की बढ़ती चुनौतियों से निपटने में देशों की मदद के लिए 5 अरब डॉलर के कोष का ऐलान किया। ओबामा ने न्यूयार्क के वेस्ट प्वाइंट में सैन्य अकादमी के ग्रेजुएशन समारोह में अपने संबोधन में कहा, इस वर्ष के शुरूआत में , मैंने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से दक्षिण एशिया से लेकर सहारा रेगिस्तान के सहेल तक साझेदारी का तंत्र बनाने की योजना विकसित करने को कहा था।
उन्होंने कहा, आज , इन प्रयासों के तहत , मैं कांग्रेस का आह्वान करता हूं कि वह 5 अरब डॉलर के नए आतंकवाद विरोधी साझेदारी कोष का समर्थन करे जिससे हमें अग्रिम पंक्तियों पर साझेदार देशों के साथ प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और समन्वय में मदद मिलेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ये संसाधन हमें विभिन्न अभियानों को पूरा करने के लिए लचीलापन प्रदान करेंगे जिनमें यमन में सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण प्रदान करना भी शामिल है जिन्होंने अल कायदा के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। सोमालिया में बहुराष्ट्रीय बलों को समर्थन देने में मदद मिलेगी, लीबिया में सीमा पर गश्त लगाने और यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर एक कामकाजी सुरक्षा बल को प्रशिक्षण करने में सहायता मिेलगी। ओबामा ने अफगानिस्तान से 2016 तक अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी की अपनी योजना की घोषणा करने के कुछ घंटों बाद यह ऐलान किया।
ओबामा ने कहा कि निकट भविष्य में अमेरिका को अपने देश और देश के बाहर सर्वाधिक सीधा खतरा आतंकवाद की ओर से बना रहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,लेकिन ऐसी रणनीति जिसमें आतंकवादी तंत्र को पालने पोसने वाले प्रत्येक देश पर हमला करना शामिल हो , वह नौसिखियापन होगा और यह दीर्घकाल में टिक नहीं पाएगी। मेरा मानना है कि हमें अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीति को इराक और अफगानिस्तान में अपने अनुभवों की सफलताओं एवं खामियों के आधार पर तैयार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य को प्रतिध्वनित करता है कि आज की मुख्य चुनौती एकीकृत अल कायदा नेतृत्व की ओर से नहीं बल्कि विकेंद्रिकृत और अल कायदा से जुड़े चरमपंथियों की ओर से है जिनका एजेंडा उन देशों पर केंद्रित है जहां से वे संचालित होते हैं।
ओबामा ने कहा, यह राष्ट्रीय स्तर पर 9/11 जैसे हमलों की संभावना को नकारता है लेकिन विदेशों में अमेरिकी कर्मियों के प्रति उच्चस्तरीय खतरे को रेखांकित करता है जैसा कि हमने बेनगाजी में देखा या जैसा कि नैरोबी के शापिंग माल में हुआ। उन्होंने कहा, साझीदार देशों को सशक्त बनाना एक बड़ी योजना है जैसा कि हमने अफगानिस्तान में किया है। अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अमेरिका अल कायदा की जड़ पर बड़ा प्रहार कर सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 28, 2014, 23:22