Last Updated: Saturday, February 22, 2014, 08:35

वाशिंगटन/बीजिंग : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संबंध खराब होने की चीन की चेतावनी को नजरअंदाज कर आज व्हाइट हाउस में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की और तिब्बतियों के मानवाधिकारों के लिए पुख्ता समर्थन की पेशकश की। ओबामा ने व्हाइट हाउस में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से तीसरी बार मुलाकात की है। दूसरी ओर चीन ने आगाह किया है कि इससे दोनों देशों के रिश्तों को बहुत नुकसान पहुंचेगा।
इस मुलाकात के दौरान ओबामा ने दलाईलामा के ‘बीच के रास्ते’ का समर्थन किया जिसमें दलाई लामा न तो तिब्बतियों के लिए चीन में पूरी तरह मिला देने की बात करते हैं और न ही उनकी स्वतंत्रता की। व्हाइट हाउस ने मुलाकात के बाद कहा ‘राष्ट्रपति ने तिब्बत की अनूठी धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषायी परंपरा के संरक्षण के लिए तथा पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में तिब्बतियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपना समर्थन जताया।’
यह बैठक ओबामा के आवास व्हाइट हाउस के मैप रूम में हुई जबकि आमतौर पर राष्ट्रपति अपने ओवल आफिस में मेहमानों से मिलते हैं। बैठक बंद कमरे में हुई और दलाई लामा पत्रकारों से बात किये बगैर व्हाइट हाउस से चले गये। व्हाइट हाउस ने कहा कि दलाई लामा के साथ ओबामा की बैठक उनके अंतरराष्ट्रीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक नेता के तौर पर थी। ओबामा ने 78 वर्षीय दलाई लामा की शांति और अहिंसा के लिए प्रतिबद्धता की सराहना की।
व्हाइट हाउस ने बयान मे कहा, ‘राष्ट्रपति ने कहा कि लंबे समय से जारी मतभेद दूर करने के लिए सीधी बातचीत को वह बढ़ावा देते हैं और बातचीत ही वह परिणाम निकाल सकती है जो चीन तथा तिब्बतियों के लिए सकारात्मक होगा।’ व्हाइट हाउस की इस बैठक को लेकर हुई घोषणा पर चीन ने कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक बयान में कहा, ‘हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह चीन की चिंताओं को गंभीरता से ले और वह चीन विरोधी अलगाववादी कार्रवाई संचालित करने में दलाई लामा की मदद नहीं करे या अवसर नहीं दे।’ हुआ ने कहा कि चीन इस मुलाकात को लेकर बेहद चिंतित है और उसने अमेरिकी पक्ष के समक्ष अपना विरोध जताया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 22, 2014, 08:35