ईरान समझौता समग्र समाधान की दिशा में पहला कदम : ओबामा

ईरान समझौता समग्र समाधान की दिशा में पहला कदम : ओबामा

ईरान समझौता समग्र समाधान की दिशा में पहला कदम : ओबामावाशिंगटन/जिनेवा : ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया की प्रमुख ताकतें और तेहरान आज एक समझौते पर पहुंच गए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की दिशा में यह ‘पहला महत्वपूर्ण कदम’ है।

विश्व शक्तियों की ओर से प्रमुख वार्ताकार और यूरोपीय संघ की विदेश नीति की प्रमुख कैथरीन एश्टन ने समझौते का औपचारिक ऐलान किया। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी की ईरान के साथ चार दिनों की बातचीत के बाद यह समझौता हुआ।

इस समझौते के तहत ईरान अपने परमाणु संयंत्रों तक निरीक्षकों की सहज पहुंच तथा यूरेनियम संवर्धन के कुछ कामों को रोकने पर सहमत हुआ है। परंतु ईरानी वार्ताकारों ने जोर दिया है कि उनके पास अब भी परमाणु शक्ति का अधिकार है।

ईरान की सहमति के बदले उसके खिलाफ छह महीनों के लिए कोई नया प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। वह पांच फीसदी से ज्यादा संवर्धन को भी रोकेगा। समझौते के तहत ईरान को कई क्षेत्रों में 7 अरब डॉलर की राहत मिलेगी। जिनिवा में हुए समझौते में अहम भूमिका निभाने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि यह समझौता इस्राइल तथा अमेरिका के दूसरे साझेदारों के लिए क्षेत्र को अधिक सुरक्षित बनाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा है कि यह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है। जिनिवा में समझौते के बाद ओबामा ने यहां व्हाइट हाउस में कहा, आज, अमेरिका ने अपने निकट साझेदारों के साथ उस समग्र समाधान की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी चिंताओं को निवारण हो सकेगा। उन्होंने कहा, आज हमने जो पहला कदम उठाया है वह मेरे कार्यभार संभालने के बाद से की गई सबसे महत्वपूर्ण और ठोस प्रगति को दिखाता है।

ओबामा ने कहा, आज, कूटनीति ने अधिक सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है तथा वह परमाणु हथियार विकसित नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, आज की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है। एक बड़ा समझौता हुआ है। एक दशक में पहली बार हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रगति को रोका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस समझौते के कारण अब ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत की आड़ नहीं ले सकता है।

ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों के बारे में उन्होंने कहा, हम नए प्रतिबंध लगाने से परहेज करेंगे और ईरानी सरकार को अपने राजस्व के एक हिस्से तक पहुंचने की इजाजत देंगे। ओबामा ने कहा, प्रतिबंधों का व्यापक ढांचा मौजूद रहेगा और हम उन्हें लागू रखना जारी रखेंगे। अगर ईरान छह महीने के भीतर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करता तो हम उसे मिली राहत को खत्म करेंगे। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपने देश के परमाणु कार्यक्रम को लेकर विश्व के प्रमुख देशों के साथ हुए समझौते की सराहना करते हुए कहा है कि इससे ‘नयी बुलंदियों की शुरुआत’ होगी।

रूहानी ने ट्विटर पर कहा, वार्ता कर रहे दलों के अथक प्रयासों के साथ रचनात्मक संवाद से नए क्षितिज की शुरूआत हुई है। उन्होंने इसी साल राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत का हवाला देते हुए कहा कि यह समझौता संभव हो सका क्योंकि ईरानी जनता ने आधुनिकीकरण के लिए मतदान किया।

ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि यह ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के बारे में किसी भी संदेह को दूर करने का मौका है। इजाइल प्रधानमंत्री बेंजातिन नेतन्याहू ने कहा, यह एक खराब समझौता है जिसनेईरान को वहीं चीज मुहैया कराई है जो वह चाहता था। इस समझौते के बावजूद भारत जैसे देशों को ईरान से तेल के आयात में कटौती को जारी रखना होगा। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 24, 2013, 12:26

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