Last Updated: Thursday, October 17, 2013, 14:19

वाशिंगटन : अमेरिकी संसद के दोनों सदनों सीनेट एवं प्रतिनिधि सभा ने अंतिम क्षण में ऋण सीमा बढ़ाने का विधेयक पारित कर दिया और इसके तुरंत बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस पर हस्ताक्षर कर 16 दिनों से जारी गतिरोध दूर कर दिया। इससे अमेरिका ऋण भुगतान में चूक से बच गया।
ऋण सीमा बढ़ाने की समय सीमा खत्म होने से महज कुछ घंटे पहले संसद के दोनों सदनों में विधेयक पारित हो गया जिसमें सीनेट में विधेयक के पक्ष में 81 मत पड़े, जबकि इसके विरोध में 18 मत पड़े। वहीं प्रतिनिधि सभा में इसे 285 मतों से पारित कर दिया गया, जबकि इसके विरोध में 144 मत पड़े।
ऋण सीमा बढ़ाने का विधेयक अटके रहने से दुनियाभर में बेचैनी बढ़ गई थी क्योंकि यदि अमेरिका ऋण भुगतान में डिफाल्ट हो जाता तो इसका विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ता। हालांकि, व्हाइट हाउस को सरकार चलाने के लिए कुछ महीनों का समय मिल गया और 16,700 अरब डालर की मौजूदा ऋण सीमा बढ़ गई व 16 दिनों से जारी गतिरोध दूर हो गया। है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज सुबह ऋण सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून का रूप दे दिया। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने आज जारी एक बयान में कहा कि ओबामा ने विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिये है जिससे संघीय सरकार को 15 जनवरी, 2014 तक के लिए सरकार चलाने के संबंध में राजकोष मिल गया है। रिपब्लिकन हाउस के नेता जान बोएह्नर ने हार स्वीकारते हुए कहा, ‘हमने डटकर मुकाबला किया, लेकिन हम जीत नहीं पाए।’
विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम यंग किम ने कहा, ‘यह विकासशील देशों और दुनिया के गरीब लोगों के लिए एक खुशखबरी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा हो गया था, लेकिन संसद द्वारा विधेयक पारित होने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राहत मिली है।’ आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्दे ने कहा कि आगे चलकर और अधिक टिकाउ ढंग से ऋण सीमा बढ़ाकर राजकोषीय नीति को लेकर अनिश्चितता कम करना आवश्यक होगा।’
ओबामा द्वारा विधेयक पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद व्हाइट हाउस के बजट प्रबंधन विभाग ने संघीय एजेंसियों को नोटिस जारी कर घर बैठे कर्मचारियों को आज से ड्यूटी पर लौटने के लिए कहने का निर्देश दिया। पिछली रात, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि कांग्रेस में विधेयक पारित होते ही वह इस पर दस्तखत करेंगे। अब यह पूरी संभावना है कि सरकार का कामकाज आज बहाल हो जाए और पांच लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी काम पर लौट आएं।
विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि कामकाज ठप रहने के दौरान घर बिठाए गए कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाय। प्रबंधन व बजट कार्यालय की निदेशक सिल्विया मैथ्यूज बरवेल ने कहा, ‘अब विधेयक सीनेट व प्रतिनिधि सभा में पारित हो चुका है, राष्ट्रपति ने आज रात्रि में इस पर दस्तखत करने की योजना बनाई है। इस तरह से कर्मचारियों के सुबह काम पर लौटने की संभावना है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 17, 2013, 09:01