Last Updated: Tuesday, January 28, 2014, 19:26
वाशिंगटन : आयोवा में महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालयों के संस्थानों ने कहा है कि उत्तरी भारत के गांवों से अमेरिका में लाए गए 2600 वैदिक पंडितों में से केवल पांच प्रतिशत लोग हाल के वर्षों में लापता हुए हैं। महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय के वैश्विक विकास के डीनऔर महाधिवक्ता विलियम गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘इन सभी मामलों के बारे में आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन को बताया जा चुका है। उन्हें बताया जा चुका है कि वैदिक पंडित अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं व विदेश मंत्रालय द्वारा आयोवा परिसर में मंजूर किए गए कार्यक्रम को छोड़ रहे हैं।’’
गोल्डस्टीन ने बताया, ‘‘2600 से ज्यादा पंडितों में से सिर्फ पांच प्रतिशत लोग बिना छुट्टी के अनुपस्थित हैं। ये लोग वैदिक कार्यक्रम के लिए अमेरिका आए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम के शुरूआती चार साल में यह संख्या बेहद कम थी लेकिन हाल के महीनों में यह दुर्भाग्यवश बढ़ रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि उन्हें लोगों ने उंची कमाई की झूठी और गलत जानकारियां देकर फंसा लिया है या अनैतिक नियोक्ता उनका फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने पुजारियों के साथ गलत बर्ताव या उन्हें कम वेतन देने के आरोपों से इंकार किया।
शिकागो के एक साप्ताहिक धार्मिक अखबार हाई इंडिया ने आरोप लगाया था कि अमेरिका लाए गए 163 वैदिक पंडित बेहद खराब स्थितियों में रहते हैं और उन्हें एक घंटे के लिए 75 सेंस से भी कम धन दिया जाता है। गोल्डस्टीन ने दावा किया कि ये पंडित आर-वन वीजा के तहत अमेरिका आए हैं इसलिए इनपर न्यूनतम वेतन नियम लागू नहीं होते।
उन्होंने कहा, ‘‘वे आर-वन वीजा पर हैं। वे दैनिक श्रमिकों के वीजा पर नहीं हैं और न ही उन्हें यह मिल सकता है। उनके इस वीजा के आधार पर वे सिर्फ अध्यात्म और वैदिक कर्मकांडों का काम कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस आध्यात्मिक पेशे में उनपर न्यूनतम आय के नियम लागू नहीं होते।
उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया कि किसी भी पंडित को तय उम्रसीमा से कम उम्र में अमेरिका लाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के तहत आया कोई भी पंडित 18 साल से कम उम्र का नहीं था।’’ उन्होंने कहा कि पंडितों के साथ यह समझौता हुआ था कि प्रति माह के 200 डॉलर का नकद मुआवजा होगा और 150 डॉलर उनके परिवारों को भारत में भेज दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आरोपों से उलट ये सभी पंडित आधुनिक, पूरी तरह गर्म व एयरकंडीशन की सुविधा से युक्त आरामदायक घरों में रहते हैं। यहां बड़ा शाकाहारी रसोईघर, कैफेटेरिया, योग कक्ष, कक्षाएं और वैदिक यज्ञ शालाएं हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 28, 2014, 19:26