`संविधान के दायरे में होगी तालिबान से वार्ता`

`संविधान के दायरे में होगी तालिबान से वार्ता`

`संविधान के दायरे में होगी तालिबान से वार्ता` इस्लामाबाद : हिंसक उग्रवाद को समाप्त करने के लक्ष्य से संविधान के दायरे में कोई रास्ता निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को पहलीबार बातचीत की।

सरकारी समिति की मांग है कि वार्ता संविधान के दायरे में होनी चाहिए और सहमति आधारित किसी भी शांति समझौते को सिर्फ ‘प्रभावित इलाकों’ या अफगानिस्तान की सीमा से सटे कबाइली इलाकों में लागू किया जाना चाहिए।

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि करीब चार घंटे तक चली इस वार्ता में दोनों पक्षों ने अपनी सिफारिशें रखीं।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की वार्ताकार समिति के सदस्य ‘तालिबान के पिता’ के नाम से जाने जाने वाले कट्टरपंथी धर्मगुरू समिउल हक ने बयान पढ़ा जिसमें कहा गया है कि राज्य के वार्ताकारों ने उनसभी गतिविधियों को तुरंत रोकने को कहा है जिससे शांति प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

सरकारी वार्ताकारों ने बातचीत को सामान्य तरीके से कम से कम समय में पूरा करने की भी बात कही।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की समिति और सरकारी वार्ताकारों के बीच बातचीत चार फरवरी को ही शुरू होनी थी लेकिन सरकारी समिति की ओर से कुछ आपत्ति जताए जाने के कारण उसे रद्द करना पड़ा।
(एजेंसी)

First Published: Friday, February 7, 2014, 00:00

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