Last Updated: Wednesday, March 26, 2014, 19:01

इस्लामाबाद/पेशावर : पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी तालिबान के बीच आज उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली क्षेत्र में अज्ञात स्थान पर पहली सीधी वार्ता शुरू हो गई जिसमें यहां जारी घातक हिंसा को समाप्त करने के लिए कोई रास्ता तलाशा जायेगा जिसमें अब तक 40 हजार लोगों की जान जा चुकी है। सरकारी दल के साथ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के मनोनीत वार्ताकार भी हैं।
सरकारी समिति के सदस्यों ने पहले पेशावर के लिए उड़ान भरी वहीं, तालिबान के प्रतिनिधि एक हेलीकाप्टर में सवार हुए जिसकी व्यवस्था आंतरिक मंत्रालय की ओर से की गई थी। आंतरिक मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्यों ने वार्ता स्थल पर पहुंचने के बाद आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान को फोन किया। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि वार्ता शुरू हो गई।
बहु प्रतीक्षित सीधी वार्ता में सरकार के पुनर्गठित वार्ताकार समिति के सभी चार सदस्य, टीटीपी मध्यस्थ और तालिबान ‘शूरा’ के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। सरकार की नयी समिति में पूर्व राजदूत रूस्तम शाह मोहम्मद, अतिरिक्त मुख्य सचिव फाटा अरबाब आरिफ, पोत एवं जहाजरानी सचिव हबीबुल्ला खटक और प्रधानमंत्री के अतिरिक्त सचिव फवाद हसन फवाद शामिल हैं।
तालिबान के मध्यस्थों में जमियत उलेमा इस्लाम (सामी गुट) मौलाना सैमुल हक, जमात-ए-इस्लामी के इब्राहम खान और जेयूआई प्रवक्ता मौलाना युसूफ शाह शामिल हैं। यह बैठक मंगलवार को ही होनी थी, लेकिन खराब मौसम के कारण यह स्थागित कर दी गई। यह वार्ता उत्तरी वजीरिस्तान में अज्ञात स्थान पर हो रही है।
सरकारी वार्ताकार समिति तालिबान से पूर्व प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी और पंजाब के पूर्व गवर्नर और दिवंगत नेता सलमान तासीर के अपहृत बेटे के साथ इस्लामिया कालेज विश्वविद्यालय के कुलपति अजमल खान को रिहा करने को कहेगा। समिति टीटीपी की ओर से घोषित एक महीने के संघर्ष विराम की अवधि बढ़ाने को भी कहेगी। गौरतलब है कि 24 मार्च को सरकार ने इस संबंध में रणनीति को अंतिम रूप दिया था जिसमें वार्ताकारों, आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान और आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल जहीरूल इस्लाम ने हिस्सा लिया था।
First Published: Wednesday, March 26, 2014, 17:37