Last Updated: Wednesday, May 21, 2014, 19:26
वाशिंगटन : अमेरिका के आतंकवाद विरोधी अभियान के एक पूर्व अधिकारी ने पाकिस्तान के लश्कर ए तय्यबा जैसे संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंधों का जिक्र करते हुए कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले समूहों का समर्थन करता है। लश्कर ए तय्यबा ने मुंबई पर आतंकवादी हमला किया था।
अमेरिकी विदेश विभाग में 1998 से 2000 के बीच राजदूत का दर्जा प्राप्त तथा आतंकवाद विरोधी अभियान के समन्वयक माइकल शिहान ने कहा, पाकिस्तान अपने यहां सक्रिय विभिन्न समूहों और सरकार द्वारा उन्हें समर्थन दिए जाने के कारण एक अनोखा देश है। ये लश्कर ए तय्यबा जैसे समूह हैं जिन्होंने भारत में हमला किया था, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा निर्देशित समूह ने मुंबई में एक होटल में लोगों की हत्याएं कीं थी। शिहान ने कल कांग्रेस की एक बैठक में कहा, यह एक अनोखी स्थिति है जहां एक राष्ट्र वास्तव में ऐसे संगठनों में शामिल है जो इस समस्या का हिस्सा हैं जिसके बारे में मैंने बात की जो सीधे हमारे लिए खतरा है। शिहान अमेरिकी मिल्रिटी एकेडमी में काम्बेटिंग टेरोरिजम सेंटर के सम्मानीय अध्यक्ष हैं।
पाकिस्तानी सरकार और आतंकवादी संगठनों के सदस्यों के बीच सीधे संपर्क संबंधी सांसद स्काट पैरी के सवाल के जवाब में शिहान ने कहा कि दोनों के बीच दशकों पुराने संबंधों के कारण इसकी संभावना है।
शिहान ने कहा, यह संभव है, खासतौर से ऐसे संगठन जिन्हें भारत या कश्मीर पर हमला करने के लिए वे हथियारबंद कर सकते हैं। उसी प्रकार की हथियार प्रणाली को हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तानी सरकार ऐसी गतिविधियों पर भरोसा करेगी। यह नीचे से होगा, संभवत: किसी दुष्ट की ओर से। मैं इस समय ऐसी किसी घटना के होने का कोई सबूत नहीं पाता हूं। यह ऐसा कुछ है जिस पर हमें नजर रखनी होगी।
फाउंडेशन फोर डिफेंस आफ डेमोक्रेसीज के वरिष्ठ फैलो थामस जोसलिन ने सांसदों को बताया कि ये आतंकवादी संगठन आईएसआई का अंग हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में सैन्य खुफिया प्रतिष्ठानों के विभिन्न हिस्सों और अल कायदा के बीच सीधा संबंध है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इस प्रकार के संबंध हैं। मैं समझता हूं कि तथ्यों का पता लगाने और वास्तविक संबंधों की तह तक जाने तथा उनके कामकाज की पड़ताल करने के लिए सही रास्ता यही है कि बिन लादेन के दस्तावेजों के बारे में अधिक विचार विमर्श किया जाए। उसके परिसर से मिली फाइलों पर गहन बहस की जाए और यह देखा जाए कि वे क्या कहती हैं।
थामस ने कहा, ‘(अल कायदा से जुड़े आतंकवादी समूह) आईएसआई द्वारा प्रायोजित हैं, आईएसआई संस्थान की उपज हैं और अल कायदा से जुड़े हैं। और यह उसी का हिस्सा है कि कैसे अल कायदा को सामरिक पैठ मिलती है। अफगान तालिबान से लेकर लश्कर ए तय्यबा तक यह कैसे काम करता है, मैं इसे बहुत विस्तार से बता सकता हूं।’ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और पश्चिम एशिया मामलों के पूर्व उप सहायक विदेश मंत्री डेविड सिडनी ने यह भी आरोप लगाया कि इस संबंध में आईएसआई की गतिविधियां हैं।
उन्होंने कहा कि जाने माने पत्रकार हामिद मीर पर जानलेवा हमले का प्रयास हुआ। मीर ने इस हमले से पहले अपने परिवार को बताया था कि यदि उन पर ऐसा कोई हमला होता है तो यह आईएसआई है जो उन्हें मारने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने सांसदों से कहा, यह उस राजनीति और आतंकवाद का पेचीदा भूगोल है जिसके नीचे पाकिस्तानी रहते हैं। और यह एक ऐसा देश है जिसमें कुछ गंभीर ढांचागत समस्याएं हैं और जब तक उन्हें सुलझा नहीं लिया जाता...जो कि सालों तक नहीं होगा.... अल कायदा की चुनौती बनी रहने वाली है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 21, 2014, 19:26