Last Updated: Monday, March 31, 2014, 20:08

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ पर मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने सोमवार को देशद्रोह के मामले में उन्हें अभ्यारोपित किया तथा विदेश जाने की इजाजत की मांग को लेकर दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने 70 वर्षीय मुशर्रफ की याचिका को तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया। मुशर्रफ ने उपचार और अपनी बीमार मां से मुलाकात के लिए विदेश जाने की इजाजत मांगी थी। उनकी मां शारजाह के एक अस्पताल में भर्ती हैं।
अदालत में पेश हुए मुशर्रफ धारा 6 के तहत देशद्रोह के आरोपी हैं। उन पर यह मामला नवंबर 2007 में संविधान को निलंबित करने, नष्ट करने और निरस्त करने, आपातकाल लगाने तथा शीर्ष अदालतों के न्यायाधीशों को हिरासत में रखने से संबंधित है।
पाकिस्तान के इतिहास में मुशर्रफ ऐसे पहले सैन्य शासक हैं जिनपर अदालत में अभियोग चलेगा। दोषी करार दिए जाने की स्थिति पर उन्हें मौत अथवा उम्रकैद की सजा संभव है। वैसे, मुशर्रफ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।
मुशर्रफ ने कहा, ‘‘मैंने जो कुछ भी किया, देश के लिए किया। मुझे दुख है कि मुझे देशद्रोही कहा जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की सेना को अपने जीवन के 44 साल दिए हैं और रक्षा बलों को मजबूत बनाया। मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने देश को प्रतिष्ठा और प्रगति दी।
इसके जवाब में अभियोजक अकरम शेख ने कहा कि उन्होंने ‘‘देशद्रोही’’ शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं किया है। सिंध हाईकोर्ट के न्यायाधीश फैसल अरब ने पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ आरोप पढ़कर सुनाए। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 31, 2014, 20:08