Last Updated: Thursday, October 24, 2013, 12:00

बीजिंग: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत एवं चीन के संबंधों में प्रगति हुई है व आपसी सहयोग बढ़ा है और इसकी वजह दोनों देशों द्वारा अपने मतभेदों को सुलझाना और सीमावर्ती इलाके को शांत रखना है।
प्रधानमंत्री ने चाइनिज कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल पार्टी स्कूल के विशेष उपाध्यक्ष ही यिटिंग से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि चीन के साथ स्थिरता भरे संबंधों की वजह से दोनों देशों के लिए उनके द्वारा किए गए आर्थिक विकास के अवसर के दोहन की परिस्थितियां तैयार हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि बेशक, दोनों के बीच चिंताएं है, चाहे वे सीमावर्ती इलाके की घटनाएं हों या सीमा पार नदियों एवं व्यापार असंतुलन का मसला रहा हो।
उन्होंने कहा कि हमारे हालिया अनुभवों ने यह दिखाया है कि इस तरह के मसले द्विपक्षीय या बहुपक्षीय सहयोग के अवसरों के पूर्ण दोहन में अवरोध बन सकते हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वह सीमा रक्षा सहयोग समझौता (बीडीसीए) पर सहमति बनने से खुश हैं और जिन अधिकारियों ने नीति निर्धारित की है कि वे हमारे सहयोग को बढ़ाने और भारत-चीन संबंध को बढ़ावा देने के लिए सब कुछ करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति जी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग ने उन्हें भारत एवं चीन के उन्नतिशाली राष्ट्र बनने एवं पारस्परिक सुसंगत होने के लक्ष्य को पाने का भरोसा दिलाया है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारे भविष्य का फैसला मुकाबले से नहीं, बल्कि सहयोग से होना चाहिए। यह आसान नहीं होगा, लेकिन हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 24, 2013, 11:59