Last Updated: Wednesday, January 29, 2014, 18:23
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ की मेडिकल रिपोर्ट पर अभियोजन पक्ष की आपत्तियों का अध्ययन करने के लिए उनके वकीलों द्वारा अदालत से समय मांगे जाने के बाद पूर्व सैन्य शासक के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के मुकदमे की सुनवाई आज एक दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर ने कहा कि उन्होंने अभी अभियोजक अकरम शेख द्वारा 70 वर्षीय मुशर्रफ की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर जतायी गयी आपत्तियों का अध्ययन नहीं किया है। यह मेडिकल रिपोर्ट आर्म्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट ऑफ दी कार्डियोलोजी द्वारा तैयार की गयी थी। मंसूर ने कहा कि उन्हें इस रिपोर्ट पर बहस के लिए तैयारी को समय चाहिए।
मंसूर ने इसलिए भी मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई कर रही विशेष अदालत से और समय मांगा क्योंकि उनके वकीलों की टीम सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका की सुनवाई के सिलसिले में व्यस्त है। पूर्व राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2007 में लगाए गए आपातकाल के संबंध में दिए गए फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल कर रखी है। उन्होंने कहा कि कानूनी टीम के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होना जरूरी था और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा समीक्षा याचिका पर फैसला दिए जाने तक राष्ट्रद्रोह मामले की सुनवाई स्थगित किए जाने की अपील की।
तीन सदस्यीय पीठ की अगुवाई करने वाले न्यायाधीश आफताब अरब ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में स्थगनादेश जारी किए जाने तक अदालत की कार्यवाही को रोका नहीं जा सकता। अरब ने कहा कि बचाव पक्ष को विशेष अदालत में मुशर्रफ को पेशी से छूट दिए जाने की अपील के लिए एक आवदेन दाखिल करना होगा। उन्होंने कहा कि सुनवाई स्थगित करना और सुनवाई से छूट देना दोनों अलग अलग मामले हैं।
मुख्य सरकारी वकील शेख ने अदालत को बताया कि मुशर्रफ की मेडिकल रिपोर्ट पर आपत्तियों को समय रहते लिखित में सौंप दिया गया था और आपत्तियों की एक प्रति बचाव पक्ष को दे दी गयी थी। बचाव पक्ष ने इसके बाद एएफआईसी के कमांडेंट मेजर जनरल सैयद इमरान मजीद को जिरह के लिए समन किए जाने की अभियोजन पक्ष की अपील पर बचाव पक्ष के वकील को नोटिस जारी किया।
कल दाखिल किए गए एक आवेदन में अभियोजन पक्ष ने एएफआईसी के प्रमुख से जिरह की अनुमति मांगी थी जहां मुशर्रफ 2 जनवरी से भर्ती थे। शेख ने मेडिकल रिपोर्ट पर अपनी आपत्तियों को दोहराया जिस पर उनका कहना था कि इसे सिरे से खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कार्डियोलोजी क्षेत्र की स्थापित परंपराओं के विपरीत और बच निकलने का प्रयास है।
शेख ने तर्क दिया, ‘लेकिन यदि अदालत इस रिपोर्ट को महत्व देना चाहती है तो अभियोजन पक्ष कम से कम मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष को समन किए जाने की अपील करता है।’ मुशर्रफ 2007 में देश में आपातकाल लगाए जाने को लेकर राष्ट्रद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। व्यापक पैमाने पर ऐसी अटकलें हैं कि खराब तबीयत का बहाना बनाकर मुशर्रफ को इलाज के लिए पाकिस्तान छोड़ने की अनुमति हासिल की जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 29, 2014, 18:23