Last Updated: Monday, March 3, 2014, 19:52
ने प्यी ताओ : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दक्षिण एवं पूर्व एशिया के देशों के बीच सामूहिक दृष्टिकोण की आज जोरदार वकालत की ताकि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, सीमापार अपराध, नशीले पदाथरें की तस्करी से पैदा होने वाली सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके और एशिया में शांति, स्थिरता और विकास लाया जा सके। प्रधानमंत्री सात देशों के संगठन ‘‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी.सेक्टर टेक्निकल एंड इकोनोमिक कोअपरेशन’’ (बिम्सटेक) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिनों की यात्रा पर यहां पहुंचे।
उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि व्यापार एवं निवेश, उर्जा, जलवायु, पर्यटन, कृषि और अन्य क्षेत्रों में क्षेत्र में संपर्क एवं सहयोग को गहन बनाए जाने की जरूरत है जिससे ‘‘अपने क्षेत्र में विकास की प्रक्रिया को गति मिल सके।’’ नयी दिल्ली से रवाना होने से पहले जारी एक बयान में सिंह ने कहा कि आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, सीमापार अपराध, नशीले पदाथरें की तस्करी से निपटने के लिए क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पहले की अपेक्षा आज की एकीकृत दुनिया में कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा की चुनौतियां चाहे प्राकृतिक हों या मानव निर्मित, दोनों से ही उबरने के लिए साझे नजरिए व संकल्प की जरूरत है।’’
एक प्रधानमंत्री के रूप में यह सिंह की आखिरी विदेश यात्रा हो सकती है। ऐसे में वह इस मौके का उपयोग श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यामां, थाईलैंड, भूटान और नेपाल के नेताओं से संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। कल से शुरू हो रहे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से इतर इन देशों के नेताओं के साथ सिंह की बातचीत में म्यामां, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से संचालित उग्रवादी समूहों तथा आगामी लोकसभा चुनावों में इन समूहों द्वारा परेशानी खड़ी करने की आशंका पर चर्चा हो सकती है। बिम्सटेक भारत की 1990 के दशक की भारत की लुक ईस्ट (पूर्वोन्मुख) नीति की अभिव्यक्ति है जो थाईलैंड की पश्चिमोन्मुख नीति के समतुल्य है।
बिम्सटेक के सात सदस्य- भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यामां, भूटान और नेपाल विश्व की कुल जनसंख्या में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं। यह जनसंख्या लगभग डेढ़ अरब है और इन सदस्य देशों का सकल घरेलू उत्पाद 2,500 अरब से अधिक है। सिंह ने कहा कि सुरक्षा के मामले में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, बहुराष्ट्रीय अपराध, नशीले पदाथरें की तस्करी और आपराधिक मामलों में एक दूसरे की विधिक सहायता के मद्देनजर हमने दस्तावेज तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि आज के एकीकृत विश्व में इसकी अधिक जरूरत है।
इस बीच 14वें बिम्सटेक मंत्री स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत सुरक्षा, उर्जा, अर्थव्यवस्था, संपर्क और लोगों के आपसी संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सदस्य देशों के साथ वृहद सहयोग चाहता है। इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद किसी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए अपने स्तर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री सिंह के साथ म्यामां की यात्रा पर गये सूत्रों ने कहा, ‘‘कुछ अप्रिय नहीं होने देने के लिए हम जो अच्छे से अच्छा कर सकते हैं, कर रहे हैं।’’ यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है कि जब तेलंगाना के गठन के बाद सूत्रों से हालात पर टिप्पणी करने को कहा गया। संसद ने 20 फरवरी को तेलंगाना के गठन को मंजूरी दी थी।
खुर्शीद ने यहां कहा, ‘‘तीसरे शिखर सम्मेलन (बिम्सटेक) की पूर्व संध्या पर हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि प्राथमिकता वाले कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल हुयी है। फिर भी, अभी काफी कुछ और करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि हम अपनी भागीदारी को और सुदृढ़ करना चाहते हैं और सहयोग के लिए ठोस परियोजनाओं और बुनियादी ढांचा तैयार करने पर जोर देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि हम ढाका में बिम्सेटक का अपना स्थायी सचिवालय स्थापित कर रहे हैं। इससे अपने प्रयासों के समन्वय में काफी मदद मिलेगी। खुर्शीद ने कहा कि बिम्सटेक दुनिया की कुल आबादी के 20 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को और 2.5 खरब डालर का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद के साथ दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच अनोखी कड़ी मुहैया कराता है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। तमिल पार्टियों और सरकार के अंदर से दबाव के कारण सिंह ने तीन महीने पहले राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक में भाग नहीं लिया था। श्रीलंका ने संयुक्त राष्ट्र के उस आह्वान को खारिज कर दिया है जिसमें युद्ध अपराधों के आरोपों की स्वतंत्र एवं अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की बात की गयी है। सिंह की हसीना के साथ मुलाकात लंबित तीस्ता नदी जल संधि और सीमा समझौते की अभिपुष्टि में विलंब होने के बीच होगी।
बीएनपी नीत 18 पार्टियों के विपक्षी गठबंधन द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के बीच हसीना की पार्टी आवामी लीग ने जनवरी के पहले सप्ताह में संसदीय चुनाव में भारी जीत हासिल की थी। हसीना की जीत के बाद यह उनकी सिंह के साथ पहली मुलाकात होगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता जल संधि के तहत बांग्लादेश को दिए जाने वाली पानी की मात्रा पर आपत्ति जतायी थी। विरोध स्वरूप ममता सितंबर 2011 में प्रधानमंत्री के साथ ढाका के दौरे पर गए दल में शामिल नहीं हुयी थीं। इसके बाद यह समझौता स्थगित है। शिखर सम्मेलन में आतंकवाद रोधी सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा हो सकती है। भारत ने वार्ता की अगुवाई करते हुए आपराधिक मामलों में परस्पर विधिक सहायता संबंधी बिम्सटेक संधि को अंतिम रूप दिया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 3, 2014, 19:52