परमाणु सुरक्षा समझौता से रूस और चीन ने बनाई दूरियां

परमाणु सुरक्षा समझौता से रूस और चीन ने बनाई दूरियां

दि हेग : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज घोषणा की कि परमाणु सामग्री को आतंकवादियों के हाथों में पड़ने से रोकने के लिए सुरक्षा सम्मेलन में ठोस कदम उठाए गए हैं। हालांकि रूस और चीन ने निरीक्षण बढ़ाने के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए।

दि हेग में आयोजित दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह रहा है कि 35 देशों ने परमाणु सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों को अपना राष्ट्रीय कानून बनाना स्वीकार कर लिया और अपने परमाणु संयंत्रों को स्वतंत्र निरीक्षण के लिए खोलने को तैयार हो गए। सम्मेलन में जापान, इटली और बेल्जियम अपने उच्च संवर्धित यूरेनियम और प्लूटोनियम का स्टॉक कम करने को भी तैयार हो गए हैं।

ओबामा ने कहा, ‘यह अनिश्चित प्रतिबद्धता की बात नहीं है, यह दुनिया की परमाणु सामग्री को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की बात है ताकि यह आतंकवादियों के हाथों में न पड़े और हमने ऐसा ही किया है।’ परमाणु हथियार निर्माण के लिए उपयुक्त परमाणु सामग्री को आतंकवादियों के हाथ में पड़ने से बचाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2010 में इस सम्मेलनों की शुरूआत की थी। उन्होंने इस दिशा में अभी तक हुई प्रगति की प्रशंसा की। परमाणु हथियार बनाने लायक सामग्री का स्टॉक रखने वाले देशों की संख्या 2010 से अभी तक 39 से घटकर 25 रह गयी है।

ओबामा ने कहा, ‘मैं सभी को यह याद दिलाते हुए अपनी बात समाप्त करूंगा कि 2010 में मेरे पहले सम्मेलन की उपलब्धि थी यूक्रेन द्वारा उसके परमाणु संयंत्रों से उच्च संवर्धित यूरेनियम हटाने का निर्णय लिया जाना। यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो वह खतरनाक परमाणु सामग्री अभी भी उन संयंत्रों में होती और यूक्रेन में आज हम जिस गंभीर परिस्थिति का सामना कर रहे हैं, उसमें और एक गंभीर चिंता जुड़ गयी होती।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 26, 2014, 20:27

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