यूक्रेन के ओडेसा में 43 की मौत, अपहृत यूरोपीय पर्यवेक्षक रिहा

यूक्रेन के ओडेसा में 43 की मौत, अपहृत यूरोपीय पर्यवेक्षक रिहा

यूक्रेन के ओडेसा में 43 की मौत, अपहृत यूरोपीय पर्यवेक्षक रिहालंदन/कीव/मास्को : यूक्रेन में सरकार विरोधी प्रदर्शन ने उस समय गंभीर रूप ले लिया जब देश के ओडेसा शहर में सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसात्मक झड़प में 43 लोग मारे गए और 174 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर रूस समर्थक प्रदर्शनकारी हैं।

हिंसा की इस घटना की रूस ने तीव्र निंदा की है और यूक्रेन के अधिकारियों से विवेक से काम लेने की सलाह दी है। रूस ने हिंसा की इन घटनाओं को देखते हुए देश में राष्ट्रपति चुनाव कराने को हास्यास्पद बताया है। इस बीच पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा बंदी बनाए गए ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्युरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप (ओएससीई) से जुड़े सात अंतर्राष्ट्रीय सैन्य पर्यवेक्षकों को शनिवार को रिहा कर दिया गया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूक्रेन समर्थकों ने ट्रेड यूनियन की एक इमारत में आग लगा दी, जिसमें धुएं के कारण दम घुटने से 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि आग से बचने की कोशिश में इमारत की खिड़कियों से छलांग लगाने के कारण आठ लोगों की मौत हो गई।

यूक्रेन के चरमपंथी राष्ट्रवादी समूह `राइट सेक्टर` और रूसी समर्थक लड़ाकों के बीच झड़प में कई लोग घायल हो गए। करीब 50 लोगों ने चिकित्सा सहायता मांगी, जिनमें से 10 पुलिसकर्मी हैं। ओडेसा में 43 लोगों की मौत के बाद स्थानीय नगरपालिका सरकार ने शहर में तीन दिवसीय शोक की घोषणा की है।

पुलिस के अनुसार, संघर्ष की शुरुआत शुक्रवार को देश के पूर्वी शहर खारकोव के फुटबॉल प्रशंसकों तथा यूक्रेन के `राइट सेक्टर` के अति-राष्ट्रवादियों के बीच झड़प से हुई, जो कीव से पहुंचे हुए थे। उसी दिन यूक्रेन की सेना ने स्लोविआन्स्क में रूसी समर्थकों द्वारा कब्जा जमाए गए सरकारी इमारतों को खाली करवाने के लिए कार्रवाई की।

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने इस संघर्ष में अपने दो हेलीकॉप्टर के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हेलीकॉप्टर को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया गया। इससे साबित होता है कि जिन लोगों के खिलाफ सेना ने अभियान छेड़ा था, वे सामान्य नागरिक नहीं, बल्कि हथियारबंद व प्रशिक्षित आतंकवादी थे।

वहीं, रूस ने यूक्रेन की सेना की ओर से की गई कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि यूक्रेन 17 अप्रैल को हुए जेनेवा समझौते का सम्मान नहीं करता। रूस के प्रधानमंत्री दमित्र मेदवेदेव ने चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन की सरकार में बैठे लोग समझदारी से काम लें, वरना देश के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा। रूस ने तनाव और हिंसा के चरम पर पहुंचने के बीच यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव कराने को `हास्यास्पद` कहा है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा, `ओडेस्सा में देश के दक्षिणपूर्व में टकराव की अंतहीन पृष्ठभूमि के विरुद्ध क्या हुआ? हम नहीं समझ पा रहे हैं कि कीव, यूरोपीय राजधानियां और वाशिंगटन किस चुनाव की बात कर रहे हैं।`

उधर, पूर्वी यूक्रेन के स्लोवियांस्क शहर से 25 अप्रैल को अपहृत किए गए सभी सैन्य पर्यवेक्षकों को रिहा कर दिया गया। इन्हें रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बंधक बना लिया था। बीबीसी के मुताबिक, पर्यवेक्षकों के साथ बंदी बनाए गए पांच यूक्रेनी अधिकारियों को भी रिहा कर दिया गया है। यूक्रेन सरकार ने शुक्रवार को स्लोविएंस्क में विमानों और सनिकों की सहायता से रूस समर्थकों के खिलाफ अभियान छेड़ा था, जिसके बाद पर्यवेक्षकों को रिहा किया गया। (एजेंसी)

First Published: Saturday, May 3, 2014, 23:36

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