Last Updated: Friday, November 22, 2013, 14:06
वाशिंगटन : भारत में यौन उत्पीड़न का एक और मामला सामने आने के साथ ही एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘शक्ति वाहिनी’ अमेरिकी सांसदों से कहा कि देश में कलंक के डर से बलात्कार के मामलों को न सिर्फ दबा दिया जाता है, बल्कि इन मामलों की जांच भी बेहत खराब ढंग से की जाती है, जिसकी वजह से कई दोषी बरी हो जाते हैं।
एनजीओ के निदेशक बोर्ड के अध्यक्ष रवि कांत ने संसदीय सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा, ‘भारत में भय और कलंक के डर से बलात्कार के मामले दबा दिए जाते हैं। जिन मामलों की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है, उनकी जांच सही नहीं होती है और कई दोषी बरी हो जाते है।’
रवि कांत ने कहा, ‘दिल्ली के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में एक 23 वर्षीय लड़की का बलात्कार और उसके बाद हुई उसकी मौत, बहुराष्ट्रीय कंपनी की एक उच्च शिक्षित कर्मचारी द्वारा नाबालिग घरेलू सहायिका का शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न, घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही एक आदीवासी लड़की की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत, कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्होंने भारत में जनमानस को हिलाकर रख दिया और उनके गुस्से के इजहार का मार्ग प्रशस्त किया है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, November 22, 2013, 14:06