Last Updated: Thursday, October 24, 2013, 16:35

वाशिंगटन : उम्मीद के अनुसार कश्मीर पर मध्यस्थता, ड्रोन हमलों और भारत के साथ परमाणु समता के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से कोई भी लाभ हासिल करने में विफल रहे।
भारत और अमेरिका दोनों का इंकार सुनने के बावजूद शरीफ ने ओबामा के साथ दो घंटे तक चली मुलाकात के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया लेकिन संयुक्त वक्तव्य में इसका या ड्रोन हमलों का कोई जिक्र नहीं किया गया। ओवल आफिस में बैठक के बाद ओबामा के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि वह कश्मीर सहित हर मुद्दे पर भारत के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद की धुरी करार देने और उस पर लगाम लगाने को इस्लामाबाद के साथ शांति वार्ता की प्रगति के साथ जोड़ने की शर्त को शरीफ ने विशेष महत्व नहीं दिया। वहीं ओबामा से कहा कि आतंकवाद भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए एकसमान खतरा है। शरीफ ने संयुक्त वक्तव्य में यह भी कहा कि दोनों देशों को आरोप-प्रत्यारोप से ऊपर उठकर गंभीर प्रयासों के द्वारा संबंधित समस्याओं से निपटना चाहिए।
शरीफ ने कहा कि ड्रोन हमलों का जिक्र मुलाकात के दौरान हुआ और ऐसे हमलों को रोकने की जरूरत है। ओबामा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कश्मीर मुद्दे या पाकिस्तान में ड्रोन हमलों का कोई भी जिक्र नहीं किया। जो शरीफ के अनुसार अमेरिका और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में एक सबसे बड़ी बाधा के तौर पर उभरे हैं। ड्रोन हमले पाकिस्तान के अनुसार उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता का निरंतर उल्लंघन हैं।
ओबामा ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनाव और गलतफहमी को स्वीकार करते हुए कहा कि वह और शरीफ पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करने वाले तरीके से सुरक्षा के मुद्दे पर काम करने को तैयार हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 24, 2013, 16:35