ओबामा से मिलेंगे शरीफ, उठाएंगे ड्रोन तथा कश्मीर मुद्दा । Sharif to meet with Obama, will raise drone atack and Kashmir issue

ओबामा से मिलेंगे शरीफ, उठाएंगे ड्रोन तथा कश्मीर मुद्दा

ओबामा से मिलेंगे शरीफ, उठाएंगे ड्रोन तथा कश्मीर मुद्दा वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बुधवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का इरादा अपने देश में ड्रोन हमलों का मुद्दा उठाने का और कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अमेरिकी सहायता मांगने का है। हालांकि, अमेरिका मानता है कि कश्मीर मुद्दा भारत और उसके पड़ोसी देश के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है।

दोनों पक्षों के अधिकारियों ने बताया कि दोनों नेता न केवल अपने मतभेद दूर करने के लिए एक कार्य योजना बनाएंगे बल्कि अपने रिश्तों को भी और अधिक मजबूती देने का प्रयास करेंगे।

तय कार्यक्रम के अनुसार, ओबामा और शरीफ की मुलाकात 90 मिनट की होगी। मुलाकात के पहले व्हाइट हाउस ने कहा कि वह अमेरिका पाकिस्तान संबंधों के महत्व को रेखांकित करेगा और उर्जा, व्यापार, आर्थिक विकास, क्षेत्रीय स्थिरता तथा हिंसक चरमपंथ से मुकाबले जैसे आपसी सहमति की चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर सहयोग मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।

शरीफ ने कल वाशिंगटन में विचार समूह (थिंक टैंक) समुदाय के साथ बातचीत में स्पष्ट किया था कि उनका इरादा अपने देश में ड्रोन हमलों से जुड़ा मुद्दा उठाने का और कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अमेरिकी सहायता मांगने का है। कश्मीर मुद्दे पर ओबामा प्रशासन बार बार कहता आया है कि वह इसमें शामिल नहीं होना चाहता। एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि हम इसे अत्यंत व्यवहारिक भागीदारी मानते हैं जो कि लोगों के हितों पर केंद्रित होगी।

शरीफ ने यूएस इन्स्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) में अपने संबोधन में कहा था कि मैं ड्रोन हमले खत्म करने की जरूरत पर जोर दूंगा। यूएसआईपी में अपने संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत में अमेरिका का प्रभाव बढ़ रहा है और इसी के साथ ही अब अमेरिका के पास और अधिक काम करने, दोनों पक्षों के बीच कश्मीर सहित मुख्य मुद्दों के हल करने में मदद करने तथा सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने की क्षमता है।

बहरहाल, समझा जाता है कि ओबामा पाकिस्तान से जारी आतंकवाद के मुद्दे को कड़ाई से उठाएंगे और जोर देंगे कि अफगानिस्तान में शांति और सुलह सहमति के प्रयासों पर इस्लामाबाद पूरी तरह सहयोग करे क्योंकि अमेरिका वर्ष 2014 के अंत तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की तैयारी कर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 23, 2013, 10:36

comments powered by Disqus