Last Updated: Wednesday, December 18, 2013, 14:51
सिंगापुर : सिंगापुर ने भारतीय समेत विदेशी मजदूरों को भरोसा दिलाया कि वे जब तक चाहें सिंगापुर में काम कर सकते हैं, उनको देश में रहने और काम करने की इजाजत मिलेगी। बस उन्हें कानून नहीं तोड़ना होगा।
‘लिटिल इंडिया’ में दंगे के बाद सिंगापुर के विदेश एवं कानून मंत्री के. षणमुगम ने कल रात एक डोरमिटरी में तकरीबन 450 मजदूरों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया। सिंगापुर में ज्यादातर मजदूर दक्षिण एशिया के हैं। उनमें भारतीय मजदूरों की तादाद अच्छी खासी है। यह आश्वासन 8 दिसंबर की रात को दंगों में कथित रूप से हिस्सा लेने के आरोप में 28 भारतीय नागरिकों को आरोपित किए जाने के बाद आया। दंगे की शुरूआत बस दुर्घटना में एक भारतीय मजदूर की मौत के बाद हुई।
इस बीच, सिंगापुर ने दंगों में हिस्सा लेने और पुलिस आदेश का पालन नहीं करने के सिलसिले में 52 भारतीय नागरिकों और एक बांग्लादेशी नागरिक को स्वदेश लौटाने की कल प्रक्रिया शुरू कर दी। उनपर सिंगापुर लौटने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इस बीच, पुलिस ने 200 अन्य दक्षिण एशियाइयों को औपचारिक पुलिस हिदायत जारी की हैं। उनपर दंगों में ‘अपेक्षाकृत असक्रिय’ भूमिका निभाने का आरोप है। उनके खिलाफ कोई अतिरिक्त कार्रवाई नहीं की जाएगी और उन्हें सिंगापुर में काम करना जारी रखने की इजाजत दी जाएगी।
षणमुगम ने कहा, ‘जिनका इन दंगों में कोई भूमिका नहीं हैं उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। वे यहां काम करने, कुछ पैसा कमाने और लौट जाने के लिए आए हैं। उन्हें ऐसा करने की इजाजत दी जाएगी।’ उन्होंने बताया कि कल गिरफ्तार 53 दक्षिण एशियाई मजदूरों की देश वापसी के संबंध में क्यों कोई न्यायिक प्रक्रिया शुरू करने की जगह प्रशासनिक कार्रवाई की गई। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 18, 2013, 14:51