Last Updated: Saturday, October 19, 2013, 10:48
सिंगापुर : सिंगापुर में रह रहे चीनी मूल एक लेखक ने व्यावसायिक प्रबंधन एवं व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्वता के क्षेत्र में भागवद्गीता की प्रासंगिकता पर एक किताब लिखी है।
चार्ल्स चोउ ने ‘मैनेजमेंट एफिकैसी-विस्डम फ्रॉम द इंडियन भागवद्गीता एंड द चाइनीज़ आर्ट ऑफ वार’ शीर्षक से यह किताब लिखी है। सिंगापुर के पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने सिंगापुर मैनेजमेंट यूनीवर्सिटी में बीती रात इस किताब का विमोचन किया।
चोउ ने कहा, ‘गीता लाभ और उद्देश्य के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करती है तथा कॉरपोरेट जगत के लिए आवश्यक लचीलेपन और प्रभावशाली नेतृत्व की तकनीकों और उपकरणों की जानकारी देती है।’ उन्होंने कहा, ‘निर्णय की स्थिरता और महत्ता को सुनिश्चित करने के लिए शुरुआत से ही उद्देश्य को लेकर एक स्थायी आंतरिक दृढता होनी चाहिए।’ चोउ ने कहा कि इस किताब का मकसद निर्णय लेने वाले हर व्यक्ति में आंतरिक दृढता को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा, ‘जैसे कई नदियां एक ही सागर में मिलती है लेकिन सागर में कभी क्षमता से अधिक जल नहीं होता। उसी तरह निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए कई प्रबंधन तंत्र है लेकिन फैसले की उपयुक्तता, स्वीकार्यता और व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए कोई एक सार्वभौमिक मॉडल नहीं है। इसलिए निर्णय लेने में मदद करने वाले मॉडल नाकाफी हैं।’ इस किताब में निर्णय लेने का एक अन्य मॉडल पेश करने के बजाए फैसले करने के मूल कारणों के बारे में बताया गया है। इस किताब में आधुनिक व्यवसाय के लिए व्यवहारिक सुझाव भी दिए गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 19, 2013, 10:48