Last Updated: Tuesday, November 12, 2013, 16:41
इस्लामाबाद : हक्कानी नेटवर्क के सरगना का बड़ा बेटा नसीरूद्दीन हक्कानी वर्षों से इस्लामाबाद के निकटवर्ती इलाकों में रह रहा था। मीडिया रिपोर्टों ने आज यह दावा किया। नसीरूद्दीन हक्कानी गत रविवार को अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में मारा गया है। डेली न्यूज ने हक्कानी नेटवर्क के एक प्रमुख कार्यकर्ता के हवाले से कहा, नसीरूद्दीन अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पिछले कई वर्षों से रावलपिंडी में रह रहा था। नसीरूद्दीन संगठन का कोष प्रबंधक और इसके संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा था। उसे मोटरसाइकिल पर सवार दो बंदूकधारियों ने गत रविवार रात को उस समय मार गिराया था जब वह बाराकाहू में एक मस्जिद से कार में अपने घर लौट रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नसीरूद्दीन के शव को पहले रावलपिंडी में उसके आवास ले जाया गया और बाद में उसे सुपुर्दे खाक करने के लिए मिरानशाह में उत्तरी वजीरिस्तान मुख्यालय के पश्चिमोत्तर में तीन किलोमीटर दूर स्थित डांडे दर्पखेल गांव ले जाया गया जहां जलालुद्दीन हक्कानी के परिवार के कुछ सदस्य 1980 से रह रहे हैं। हालांकि एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि वह शाहपुर में रहता था। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में तालिबान का सबसे खतरनाक गुट माना जाता है।
हक्कानी को काबुल में और अफगानिस्तान में अन्य जगहों पर कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। इनमें भारतीय दूतावास पर साल 2008 में हुआ हमला भी शामिल है जिसमें 54 लोग मारे गये थे। जलालाबाद में भारतीय मिशन पर हुए हमले के पीछे भी इसी नेटवर्क का हाथ माना जाता है।
द नेशन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, राजधानी इस्लामाबाद में उसकी हत्या से पाकिस्तानी अधिकारियों को निश्चित की शर्मिंदगी उठानी पड़ी है क्यांेकि वे लंबे समय से अमेरिका के इस दावे को खारिज कर रहे थे कि हक्कानी नेटवर्क उत्तरी वजीरिस्तान से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। उसने कहा, नसीरूद्दीन की मौत ऐसे समय हुई है जब एक ही दिन पहले इस्लामाबाद पुलिस ने शहर की सड़कों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था जिसमें दावा किया था कि पुलिस आतंकवादियों को राजधानी की सीमाओं से दूर रखने में पूरी तरह सक्षम है। समाचार पत्र ने कहा कि नसीरूद्दीन के सिर, गर्दन और फेफड़ों में सात गोलियां लगीं जिसके कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रिपोर्ट में कहा गया है, लेकिन उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया क्योंकि उसके साथी पुलिस के पहुंचने से पहले शव को किसी अज्ञात स्थान पर ले गए। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि गोलीबारी के बाद नसीरूद्दीन का वाहन चालक उसके शव को शहर के बाहर ग्रामीण इलाके शाहपुर में उसके आवास पर लेकर गया।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, शाहपुर के निवासियों ने कहा कि उन्होंने नसीरूद्दीन और कुछ अन्य लोगों को कुछ हफ्तों के अंतराल में एक घर के अंदर और बाहर जाते देखा था। नसीरूद्दीन अफगानिस्तान के पकतिका प्रांत में जन्मा था। उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उस पाबंदी वाली सूची में रखा गया था जिनकी संपत्तियों को जब्त करने के साथ ही उनकी यात्राओं और हथियारों पर 9-11 के आतंकवादी हमलों के बाद से प्रतिबंध लगा दिया था।
इस सूची के मुताबिक नसीरूद्दीन ने तालिबान के लिए चंदा उगाहने के लिहाज से सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी। नसीरूद्दीन संगठन के ‘बातचीत से जुड़े मामलों’ को मुख्य रूप से देखता था। इससे पहले जलालुद्दीन के तीन अन्य बेटे मारे जा चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 12, 2013, 16:41