दक्षिण कोरियाई जहाज: 32 के मरने की पुष्टि, 270 अभी भी लापता

दक्षिण कोरियाई जहाज: 32 के मरने की पुष्टि, 270 अभी भी लापता

दक्षिण कोरियाई जहाज: 32 के मरने की पुष्टि, 270 अभी भी लापता
जिंदो (दक्षिण कोरिया) : तीन दिन पहले 476 लोगों के साथ डूबे दक्षिण कोरियाई जहाज के गिरफ्तार कैप्टेन ने जहाज को खाली कराने के अपने निर्णय का बचाव किया है। गोताखोरों ने डूबे जहाज के भीतर शव देखे। इस दुर्घटना में 32 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है लेकिन 270 अभी भी लापता हैं जिसमें से अधिकतर बच्चे थे जो कि हाईस्कूल अवकाश भ्रमण पर निकले थे।

जांचकर्ताओं ने आज तड़के ली जून सियोग और चालक दल के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की इस बात के लिए निंदा की जा रही है कि जब सैकड़ों यात्री जहाज से निकलने का प्रयास कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें रोका था। ली पर लापरवाही और समुद्री कानून का उल्लंघन करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रहने का आरोप लगाया गया है। एक ओर गिरफ्तारियां हो रही थीं, दूसरी ओर दो दिनों तक शक्तिशाली लहरों और लगभग शून्य दृश्यता से संघर्ष करने वाले गोताखोर दलों ने अंतत: 6825 टन वजनी जहाज ‘सिवोल’ के यात्री डेक में प्रवेश कर लिया।

एक वरिष्ठ तटरक्षक अधिकारी ने कहा, असैन्य गोताखोरों ने एक खिड़की से तीन शव देखे। उन्होंने लापता लोगों के रिश्तेदारों से कहा, उन्होंने खिड़की तोड़कर अंदर प्रवेश करने और शवों को निकालने का प्रयास किया लेकिन वह बहुत ही मुश्किल था। लापता यात्रियों के रिश्तेदारों को एक गोते का वीडियो फुटेज दिखाया गया जो कि जहाज दुर्घटना स्थल के पास स्थित जिंदो द्वीप पर एक व्यायामशाला में ठहरे हुए थे। कैप्टेन ली और दो अन्य अधिकारियों को पुलिस थाने में टेलीविजन कैमरे के साथ लाया गया। उनके सिर झुके हुए थे। यह पूछे जाने पर कि जहाज के पहली बार पलटने के 40 मिनट तक यात्रियों को क्यों नहीं निकलने दिया गया, ली ने कहा कि यह सुरक्षात्मक कदम था।

ली ने कहा, उस समय बचाव जहाज नहीं पहुंचा था। इसके साथ ही आसपास मछली पकड़ने वाली या कोई अन्य कोई नावें नहीं थीं। उन्होंने कहा, लहरें बहुत तेज थीं और क्षेत्र में पानी अत्यंत ठंडा था। मैंने सोचा कि यात्री दूर तक बह सकते हैं और यदि उन्हें बिना सोचे समझे बाहर निकाला गया तो वे मुसीबत में पड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जहाज के पलटने और उसमें पानी भरने से पहले यदि यात्री बाहर निकलने वाले स्थल तक पहुंच गए होते तो और अधिक लोगों को बचाया जा सकता था। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 19, 2014, 20:24

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