दक्षिण कोरिया नौका हादसा: राष्ट्रपति ने कहा, चालक दल का व्यवहार ‘हत्यारे जैसा’

दक्षिण कोरिया नौका हादसा: राष्ट्रपति ने कहा, चालक दल का व्यवहार ‘हत्यारे जैसा’

दक्षिण कोरिया नौका हादसा: राष्ट्रपति ने कहा, चालक दल का व्यवहार ‘हत्यारे जैसा’ज़ी मीडिया ब्यूरो
जिंदो (दक्षिण कोरिया) : दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यूं-हे ने आज हादसे की शिकार हुई नौका के कप्तान और चालक दल के कार्य को हत्या करने के बराबर बताया। इस बीच, इस मामले में चालक दल के चार और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और मरने वालों की संख्या 87 पहुंच गई। राष्ट्रपति ने संकल्प लिया कि दुर्घटना के सभी जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक जवाबदेही तय की जाएगी। मृत लोगों की संख्या अब 87 हो गई है, लेकिन 215 लोग अभी भी लापता हैं। शवों को निकालने के काम में गोताखोर मदद कर रहे हैं।

पार्क ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बैठक में कहा, नौका चालक और चालक दल के कुछ सदस्यों का व्यवहार बिल्कुल समझ से परे और अस्वीकार्य है, यह हत्या के बराबर है। गुरुवार को जब राष्ट्रपति पीड़ित परिजनों से मिलीं तब कई लोगों के प्रश्नों से वह थोड़ा परेशान नजर आईं और भावुक होकर उन्होंने कहा, न केवल मुझे, बल्कि सभी दक्षिण कोरिया वासियों के दिलों को दु:ख हुआ है तथा वे आश्चर्य और गुस्से से भर गए हैं। सैकड़ों यात्री अभी भी लापता हैं, जिनमें अधिकतर स्कूली बच्चे थे। यात्रियों के परिजनों ने आपदा प्रबंधन के अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि बचाव के प्रारंभिक उपाय अधूरे थे और कुप्रबंधन की स्थिति थी। पार्क ने कहा कि एक बात बिल्कुल साफ है कि नौका चालक ली जूं-सियोक ने नाव के डूबना शुरू होने पर भी यात्रियों को वहां से निकालने में गैर वाजिब देरी की और सभी को बेसहारा छोड़कर सबसे पहले खुद बच कर भाग गया।

राष्ट्रपति पार्क ने कहा, यह वाकई कानूनी और नैतिक दोनों ही रूप से अकल्पनीय है। शनिवार को ली को चालक दल के एक सदस्य के साथ गिरफ्तार किया गया था। साथ ही जहाज के गैर-अनुभवी तृतीय अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है जो उस समय पुल पर ड्यूटी पर था जब नौका पहली बार परेशानी में आई। पुलिस ने आज तीन और अधिकारियों तथा एक इंजीनियर को हिरासत में लिया और अभियोजकों ने कहा कि उन पर आपराधिक लापरवाही और यात्रियों को छोड़ने के आरोप लगाए जा सकते हैं।

कल सिवोल (नौका) और समुद्री यातायात नियंत्रण के बीच हुए अंतिम रेडियो वार्तालाप की जारी प्रतिलिपि बताती है कि आपात फोन करने के बाद नौका के तेजी से एक ओर झुकने के बाद भ्रम की स्थिति बनी रही। प्रतिलिपि में अंत में बताया गया है कि नौका से लोगों को निकालने का आदेश उसके (नौका) परेशानी में फंसने के 40 मिनट के बाद दिया गया तब तक भारी मात्रा में पानी भरने लगा था और लोगों का बच कर भागना लगभग नामुमकिन था। आज के डोंग-ए इलबो दैनिक ने अपने मुख पृष्ठ पर प्रकाशित समाचार का शीषर्क दिया है, कीमती समय को बर्बाद कर दिया गया।


First Published: Monday, April 21, 2014, 23:53

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