Last Updated: Saturday, November 16, 2013, 23:21
कोलंबो : श्रीलंका में लिट्टे के साथ लड़ाई के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर दबाव के सामने नहीं झुकते हुए राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय जांच की ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की मांग को अस्वीकार कर दिया।
राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक के अवसर पर राजपक्षे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह उनका दृष्टिकोण है। यह लोकतंत्र है। वह जो चाहें बोल सकते हैं। शीशे के घरों में रहने वाले लोग दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।’’
उनके संवाददाता सम्मेलन में महज कुछ घंटे पहले कैमरन ने युद्धअपराध के आरोपों का मार्च तक हल करने का अल्टीमेटम दिया था। राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका को अपने ही समय में अपनी जांच पूरी करने दिया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘दबाव से कुछ हासिल नहीं होने वाला। मांग या फरमान से बेहतर है कि इंतजार किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें हमपर भरोसा करना होगा। वे हमपर भरोसा क्यों नहीं कर सकते। हमारे श्रीलंका में भी प्रख्यात लोग हैं जो बहुत ही निष्पक्ष हैं।’’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 16, 2013, 23:21