Last Updated: Thursday, March 20, 2014, 19:47

कोलंबो : श्रीलंका में सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने आज स्थानीय संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अमेरिका एवं ब्रिटेन के दूतावासों के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। वे तमिल टाइगर विद्रोहियों के साथ जातीय युद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार हनन के आरोप में श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में लाए जा रहे प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
पूर्वी त्रिंकोमाली शहर में सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, दुकानों और बैंकों को बंद कर दिया गया और सार्वजनिक परिवहन रोक दिया गया। आयोजकों ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन में सभी समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की प्रमुख नवी पिल्लई और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का पुतला जलाया।
कोलंबो में प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के खिलाफ लाए जा रहे प्रस्ताव को देश के आंतरिक मामलों में दखल करार दिया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में जो तख्तियां थीं उन पर लिखा था ‘श्रीलंका से दूर रहो’ और ‘30 साल की जंग के बाद अमन में खलल मत डालो।’
मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा कि 2009 में अलगाववादी जंग के खात्मे के बाद से अब तक तमिल समुदाय के करीब 40,000 आम लोग मारे गए हैं। श्रीलंका कथित मानवाधिकार हनन के मामलों की अंतरराष्ट्रीय जांच का विरोध शुरू से करता रहा है। अगले हफ्ते जिनीवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव पर मतदान होगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 20, 2014, 19:47