`मोदी, जिनपिंग कर सकते हैं भारत-चीन विवादों का समाधान`

`मोदी, जिनपिंग कर सकते हैं भारत-चीन विवादों का समाधान`

बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मजबूत नेतृत्व में भारत और चीन के समक्ष विवादों के सुलझाने का ऐतिहासिक अवसर है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी के नयी दिल्ली के वर्तमान दौरे पर जॉन हापकिंस विश्वविद्यालय में विजिटिंग स्कॉलर लोंग जिंगचुआन ने चीन के आधिकारिक ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा, क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा, खासकर पश्चिमी चीन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण कारक है। चीन के पश्चिमी क्षेत्र में अशांत जिनजियांग और भारत के साथ 4,000 किलोमीटर विवादित सीमा से लगा तिब्बत प्रांत है।

लोंग ने कहा, भारत को भी अपने विकास के सुरक्षित माहौल के लिए चीन के सहयोग की गारंटी की जरूरत है। चीन के आधिकारिक मीडिया ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ वांग की मुलाकात का व्यापक कवरेज किया है।

लोंग ने कहा, भाजपा पर चीन-भारत सीमा विवादों का ऐतिहासिक बोझ नहीं है। इसके साथ ही, चीन उसके नेतृत्व को मजबूत भी मानता है जो विवादों को सुलझाने के लिए दोनों तरफ ऐतिहासिक अवसर पैदा कर सकता है।

शी को ताकतवर नेता माना जाता है क्योंकि वह सत्तारूढ़ ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी’ के प्रमुख और सेना प्रमुख हैं। इसी तरह, चीन का मीडिया पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद मोदी को भी एक मजबूत नेता के तौर पर उभरता हुआ देख रहा है।

लोंग के मुताबिक, 30 साल से ज्यादा समय में पहली बार भाजपा की जबरदस्त फतह के कारण भारत को एक मजबूत सरकार और मजबूत नेता मिला है। वांग का दौरा मोदी और उनकी सरकार के साथ संपर्क स्थापित करने में भारत के साथ चीन के अपने संबंधों की दिशा में अहमियत को दिखाता है।

लोंग ने कहा, एशिया प्रशांत में अमेरिका की फिर से संतुलन बनाने की रणनीति की पृष्ठभूमि में भारत क्या रास्ता अपनाएगा वह बड़े परिप्रेक्ष्य में वैश्विक स्तर पर चीन की स्थिति को प्रभावित करेगा। अखबार ने पहली यात्रा में मोदी के भूटान, फिर अगले महीने जापान और सितंबर में अमेरिका जाने को रेखांकित किया है।

मोदी के अभियान के दौरान चीन-भारत सीमा विवादों पर कट्टर रूख के बावजूद विश्लेषकों को उम्मीद है कि इससे निपटने में व्यावहारिक रवैया का परिचय दिया जाएगा।
(एजेंसी)

First Published: Monday, June 9, 2014, 18:07

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