नेपाल के नए प्रधानमंत्री बने 74 वर्षीय सुशील कोईराला

नेपाल के नए प्रधानमंत्री बने 74 वर्षीय सुशील कोईराला

नेपाल के नए प्रधानमंत्री बने 74 वर्षीय सुशील कोईरालाकाठमांडो : नेपाली कांग्रेस के अनुभवी नेता और 1960 में शाही अधिग्रहण के बाद भारत में 16 वर्ष का राजनीतिक बनवास गुजारने वाले सुशील कुमार कोइराला को आज सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से नेपाल का प्रधानमंत्री चुना गया। इसके साथ ही देश में पिछले वर्ष चुनाव में खंडित जनादेश के बाद से चल रहे राजनीतिक संकट का अंत हो गया। 74 वर्ष के कोइराला प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अकेले उम्मीदवार थे। उन्हें 601 सदस्यीय संविधान सभा में 405 सदस्यों के समर्थन के साथ चुना गया।

यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल और माओवादियों के गठबंधन के कुछ छोटे दलों के करीब 148 सदस्यों ने कोइराला के खिलाफ वोट दिया। अंतरिम संविधान के मुताबिक प्रधानमंत्री बनने के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलना जरूरी है। मतदान के बाद संसद के स्पीकर सूर्य बहादुर थापा ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ऐलान किया कि कोइराला को बहुमत मिल गया है।

पूर्वी नेपाल के बिराटनगर में जन्मे कोइराला ने 1955 में नेपाली कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वह पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराल के चचेरे भाई हैं और सादा जीवन उच्च विचार के हिमायती हैं। उन्होंने विभिन्न मौकों पर नेपाल और भारत में छह साल जेल में गुजारे हैं।

मई 2008 में राजतंत्र की समाप्ति के बाद से कोइराला देश के छठे प्रधानमंत्री हैं। वह 1960 में तत्कालीन नरेश द्वारा लोकतंत्र को निलंबित किए जाने और उनके रिश्तेदारों समेत दर्जनों लोगों को जेल में डाले जाने के बाद भारत चले गए थे। वह स्व निर्वासन में 16 वर्ष वहीं रहे। विधान संसद में अपने संबोधन के दौरान कोइराला ने एक वर्ष के भीतर नये संविधान के गठन का संकल्प लिया। उन्होंने संविधान तैयार करने में सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति और सहयोग का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, हमें अपनी जिम्मेदारियां निभाने में अपने पड़ौसी देशों भारत और चीन के साथ साथ अन्य मित्रों से भी सहायता की उम्मीद है। कोइराला को आज बाद में राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। ऐसी भी उम्मीद है कि वह एक छोटी केबिनेट का ऐलान कर देंगे और अपनी सरकार में शामिल होने के लिए अन्य राजनीतिक दलों के साथ बातचीत जारी रखेंगे।

पिछले वर्ष देश में हुए संविधान सभा के चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिल पाया था। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई सीपीएन-यूएमएल, जिसके 173 विधायक हैं, की स्थायी समिति ने शीर्ष पद के लिए कोइराला के नाम का समर्थन किया। पार्टी ने इससे पूर्व नेपाली कांग्रेस के साथ छह सूत्री करार किया। संविधान सभा में दो सबसे बड़ी पार्टियों के बीच कल यह करार हुआ। इससे पूर्व दोनो पक्षों के बीच सत्ता के बंटवारे पर कई दौर की बातचीत हुई। (एजेंसी)


First Published: Monday, February 10, 2014, 10:08

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