Last Updated: Friday, March 21, 2014, 19:44

बैंकॉक : थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने संकटग्रस्त प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा को झटका देते हुए पिछले महीने हुए विवादास्पद आम चुनावों को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिससे देश में राजनीतिक अनिश्चितता और गहरा गई।
संवैधानिक अदालत ने 6-3 के बहुमत से फैसला सुनाया कि दो फरवरी को हुआ मध्यावधि चुनाव गैरकानूनी था क्योंकि यह एक दिन में पूरा नहीं हो पाया था।
अदालत ने कहा कि चुनाव ने संविधान के अनुच्छेद 108 (2) का उल्लंघन किया है जिसके तहत चुनाव एक दिन में पूरा करना जरूरी होता है। चूंकि आठ दक्षिणी प्रांतों की 28 निर्वाचन सीटों से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ इस कारण देश भर में दो फरवरी को चुनाव पूरा नहीं कराया जा सका।
अदालत ने निर्वाचन आयोग को चुनाव की नई तिथि के संबंध में सरकार से विचार विमर्श करने का आदेश दिया है। यिंगलक ने बैंकॉक में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच चुनाव की घोषणा की थी। शिन्वात्रा की सत्ताधारी फिउ थाई पार्टी के जीतने की संभावना थी लेकिन विपक्ष ने इसका बहिष्कार कर दिया और प्रदर्शनकारियों ने मतदान बाधित किया। डेमोक्रेट पार्टी के समर्थकों ने उम्मीदवारों के पंजीकरण को भी बाधित किया था, जिसकी वजह से कई स्थानों पर कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ था।
न्यायाधीशों ने ओम्बड्समैन पोर्नफेट विचिचोलचाई, कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री पोंगथेप थेपकांचाना और निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष सुपाचाई सोमचारोएन की गवाही सुनी। विचिचोलचाई और थेपकांचाना यिंगलक की ओर से अदालत में पेश हुए। थाईलैंड में सरकार के विरोध में प्रदर्शनों का नेतृव करने वाली सरकार विरोधी ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिफॉर्म कमेटी’ ने कहा कि वह चुनाव से पहले राष्ट्रीय सुधार की अपनी मांग जारी रखेगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 21, 2014, 19:44