थाईलैंड में प्रदर्शनकारियों ने ‘अंतिम लड़ाई’ शुरू की

थाईलैंड में प्रदर्शनकारियों ने ‘अंतिम लड़ाई’ शुरू की

बैंकाक : सरकार के खिलाफ आज से ‘अंतिम लड़ाई’ की घोषणा करने वाले प्रदर्शनकारियों पर थाईलैंड पुलिस ने पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें पांच लोग घायल हो गए। इससे देश के राजनीतिक संकट के और गहराने की आशंका बढ़ गई है। वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं सहित प्रदर्शनकारी सरकार के ‘सेन्टर फॉर एडमिनिस्ट्रेशन फॉर पीस एण्ड ऑर्डर (सीएपीओ)’ में घुसने की जबरन कोशिश कर रहे थे इसी दौरान पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।

प्रदर्शनकारियों ने एक टेलीविजन केन्द्र पर कब्जा कर उन्हें अपनी घोषणाओं का प्रसारण करने को मजबूर किया। आंसू गैस के गोलों से पांच प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। सभी को पास के अस्पताल में भेजा गया है। संवैधानिक अदालत द्वारा बुधवार को यिंगलक शिनावात्रा को उनके सुरक्षा प्रमुख के अवैध तबादले को लेकर राष्ट्र प्रमुख के पद से हटाने के आदेश के बाद सरकार गिराने के लिए छह महीने से अभियान छेड़ रही ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स कमेटी’ ने अंतिम जंग शुरू की।

एक अन्य अदालत ने कल विवादित चावल सब्सिडी योजना को लेकर लापरवाही के लिए उन्हें अध्यारोपित किया और अब उन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ेगा, जिसमें उन्हें राजनीति से पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। इन दोनों अदालतों के फैसलों ने विपक्ष को और दुस्साहसी बना दिया है जो पिछले कई महीनों से यिंगलक को सत्ता से हटाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि यिंगलक को शीर्ष पद से हटा दिया गया है लेकिन उनकी फेउ थाई पार्टी की कार्यवाहक सरकार फिलहाल सत्ता में मौजूद है और उसका कहना है कि वह 20 जुलाई को होने वाले चुनाव की दिशा में काम कर रही है।

वैसे अदालत यिंगलक सरकार के नौ सदस्यों को बख्रास्त कर चुकी है। लेकिन अब प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि उनके कैबिनेट के सभी बचे हुए सदस्यों को भी सत्ता से हटाया जाए। प्रदर्शनकारियों के नेता सुथेप थागसुबन के सरकार को उखाड़ फेंकने के ऐलान के बाद, हजारों प्रदर्शनकारी शहर भर में फैल गये। इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर दक्षिणी थाईलैंड के मध्यवर्ग के लोग और कार्यकर्ता हैं। सुथेप ने सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख और सीनेट स्पीकर से कहा कि वह अगले कुछ दिनों में अंतरिम सरकार का गठन करें।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यिंगलक की सरकार पर उनके भाई थाकसिन शिनावात्रा का नियंत्रण है जिन्हें सेना द्वारा 2006 में तख्तापलट के दौरान प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किया गया था। उनका कहना है कि शिनावात्रा परिवार ने थाईलैंड के लोकतंत्र को दूषित किया है और वह चाहते हैं कि गैरनिर्वाचित ‘जन परिषद’ सत्ता संभाले।

‘लाल शर्ट’ के नाम से मशहूर सरकारी समर्थकों ने भी कल बड़ी रैली की योजना बनायी है। सत्तारूढ़ फेउ थाई पार्टी ने सेना से कहा है कि वह कानून का उल्लंघन करने के आरोप में सुथेप को गिरफ्तार करे। उसने विपक्ष के नेता पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप भी लगाया। थाईलैंड की सड़कों पर दोनों विपक्षी दलों की मौजूदगी से देश में भयानक हिंसा होने की आशंका बढ़ गयी है।
(एजेंसी)

First Published: Friday, May 9, 2014, 21:46

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