थाई प्रदर्शनकारियों ने सेना और सत्ताधारी पार्टी के मुख्यालय को निशाना बनाया

थाई प्रदर्शनकारियों ने सेना और सत्ताधारी पार्टी के मुख्यालय को निशाना बनाया

थाई प्रदर्शनकारियों ने सेना और सत्ताधारी पार्टी के मुख्यालय को निशाना बनाया बैंकाक : थाईलैंड में प्रधानमंत्री यिंकलक शिनावात्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े प्रदर्शनकारी शुक्रवार को सेना मुख्यालय में घुस गए और सैनिकों से सरकार विरोधी प्रदर्शन में साथ देने की अपील की।

सेना मुख्यालय के परिसर में 1,500 से अधिक प्रदर्शनकारी दाखिल हुए और उन्होंने सेना प्रमुख को पत्र सौंपा। पत्र में राजनीतिक संकट के समाधान में सैन्य नेतृत्व से भूमिका निभाने का आग्रह किया गया है।

इससे भी ज्यादा प्रदर्शनकारी सरकार पर सत्ता से हटने का दबाव बनाने के लिए सत्ताधारी फेयू थाई पार्टी के मुख्यालय के बाहर जमा हो गए। इसके अलावा सैंकड़ों ने निचले बैंकाक में मार्च किया जिससे भारी यातायात जाम हो गया।

संसद में कल अविश्वास मत जीतने के बाद यिंगलक ने प्रदर्शनकारियों से सड़कों पर प्रदर्शन खत्म करने के लिए कहा था।

यह अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के द्वारा लाया गया था। विपक्ष ने सरकार में व्यापक भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया और कहा कि यिंगलक अपने भाई और कुछ साल पहले सत्ता से बेदखल किए गए पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा के लिए एक कठपुतली के रूप में काम कर रही हैं।

यिंगलक ने टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में कहा कि प्रदर्शनकारियों को सरकार से समझौता कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसी राजनीतिक खेल में नहीं पड़ना चाहती क्योंकि हमारा मानना है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।’’ उधर, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेता सुथेप थाउगसुबन ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया।

सत्ताधारी पार्टी के मुख्यालयों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई। प्रदर्शनकारी इस सप्ताह सरकारी इमारतों को घेरते और उनपर कब्जा जमाते रहे हैं ताकि सरकार का काम बाधित किया जा सके।

एक आकलन के अनुसार, रविवार को बैंकाक में लगभग एक लाख विपक्षी समर्थकों ने प्रदर्शन किया। हालांकि इस संख्या में सप्ताह के बाकी दिनों में काफी कमी भी आई।

कुछ खबरों में सप्ताहांत पर इस संख्या के दोबारा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

थाईलैंड इस समय वर्ष 2010 के बाद से सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है। तब हजारों ‘रेड शर्ट’ थाक्सिन समर्थकों ने राजधानी के महत्वपूर्ण हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। 90 से ज्यादा लोग दो माह तक चले उस धरना प्रदर्शन में मारे गए थे। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 29, 2013, 20:33

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