Last Updated: Saturday, February 1, 2014, 19:11

बैंकाक : रविवार को होने वाले आम चुनाव में खलल डालने के लिए प्रतिबद्ध विपक्षी कार्यकर्ताओं और सरकार समर्थकों के बीच बैंकाक में हुए संघर्ष में कई विस्फोट हुए और गोलियां चलीं जिसमें सात लोग घायल हो गए।
चुनाव के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और 20 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बावजूद पिस्तौलों और राइफलों से लैस राजनीतिक विरोधियों के बीच झड़प हो गई।
लाक सी इलाका, जहां यह झड़प हुई है, वहां पुलिस की मदद के लिए सेना रवाना हुई है। पुलिस ने बताया कि गोलीबारी शुरू होने से पहले मोलोटोव कॉकटेल की मदद से दो विस्फोट किए गए थे।
शहर की अपातकाल सेवा ने बताया कि करीब एक घंटे तक चली गोलीबारी में एक संवाददाता सहित छह थाई नागरिक और एक अमेरिकी फोटो पत्रकार जेम्स नैचवे घायल हुए हैं। ‘बैंकाक’ पोस्ट की खबर के अनुसार, हिंसा के दौरान लोगों ने पास के शॉपिंग मॉल में शरण लिया तो कुछ लोग पैदल पारपथ के पास छुपे हुए थे। लोगों ने वाहनों की आड़ लेकर भी गोलियों से बचने की कोशिश की।
चुनावों के लिए देश भर में 93,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे और 2,00,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। कुल 4.9 करोड़ मतदाता मताधिकार का प्रयोग करने के योग्य हैं। मुख्य विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी विवादित चुनावों का बहिष्कार कर रही है। डेमोक्रेट पार्टी के नेता अभिसीत वेज्जाजीवा का कहना है कि वह मतदान नहीं करेंगे। झड़पों और हिंसा के मुद्दे पर बढ़ती चिंता के बीच अधिकारियों ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री यिंगलुक और कुछ अहम नेताओं सहित कुछ खास सरकारी पदाधिकारियों को अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था देने का फैसला किया है।
कई इलाकों, खासकर देश के दक्षिणी क्षेत्र, के स्थानीय निर्वाचन कार्यालयों में अब तक बैलट बॉक्स नहीं पहुंच सके हैं। देश का दक्षिणी क्षेत्र विपक्षी दलों का मजबूत गढ़ है। प्रदर्शनकारियों की ओर से लगाए गए जाम की वजह से बैलट बॉक्स नहीं पहुंच पाए हैं।
कई कर्मियों के इस्तीफा देने के कारण मतदान केंद्रों पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों की भी भारी कमी हो गई है। चुनाव में खलल डालने की राजनीतिक विरोधियों की चेतावनी के बावजूद प्रधानमंत्री यिंगलुक सिनेवात्रा ने विपक्षी डेमोक्रैट पार्टी द्वारा चुनाव को ‘असंवैधानिक’ बताने के दावों को खारिज किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘असंवैधानिक का अर्थ क्या होता है ? 2007 के चार्टर, विशेष रूप से चुनावी नियमन वाले प्रावधानों को डेमोक्रैट नेतृत्व वाली सरकार ने बदला था हमारे प्रशासन ने नहीं।’’ उन्होंने लोगों से कहा कि वह स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव के लिए चुनाव आयोग पर भरोसा करें। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 1, 2014, 19:11