Last Updated: Sunday, December 8, 2013, 19:04
जोहांसबर्ग : नेल्सन मंडेला ने आज एकबार फिर दक्षिण अफ्रीका की जनता को एकजुट किया जब लोग अपने रंग, नस्ल को पीछे छोड़ आधुनिक युग के इस महात्मा के लिए ‘प्रार्थना दिवस’ पर गिरिजाघरों, मस्जिदों और मंदिरों में उमड़े। ‘राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस’ की शुरुआत एक आधिकारिक शोक सभा कार्यक्रम के साथ हुई। मंगलवार को जोहानिसबर्ग स्टेडियम में भी शोक सभा होनी है। मंडेला के पूर्वी केप के कुनू स्थित उनके पैतृक आवास पर 15 दिसंबर को उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होना है, जिसमें दुनियाभर के बड़े बड़े नेताओं के पहुंचने की संभावना है।
ब्रायनस्टोन मेथोडिस्ट चर्च में यहां राष्ट्रपति जैकब जूमा, मंडेला की पूर्व पत्नी विनी मडिकीजेला मंडेला और मंडेला परिवार के अन्य सदस्यों ने शोक सभा में भाग लिया। चर्च में सदस्यों ने शोक गीत के दौरान हाथ उपर उठाकर श्रद्धांजलि दी जबकि दर्जनों बच्चों ने चर्च के सामने जमीन पर बैठकर इसमें भाग लिया। दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति मंडेला का लंबी बीमारी के बाद 95 वर्ष की उम्र में गुरूवार को निधन हो गया था। सोवेतो के रेजीना मुंडी कैथोलिक चर्च में पादरी सेबास्टिन रोसोउ ने कहा कि मंडेला ‘अंधेरे में उजाले’ की तरह थे।
राष्ट्रीय शोकसभा मंगलवार को होनी है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल सहित करीब 80 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है। यह सभा जोहानिसबर्ग के एफएनबी स्टेडियम में होगी, जहां 2010 विश्व कप फुटबाल का फाइनल हुआ था। मंडेला के निधन के बाद पहले वक्तव्य में उनके परिवार ने सीधे सादे व्यक्ति को खोने पर दुख जताया। परिवार के प्रवक्ता तेंबा मतनजीमा ने कल यहां संवाददाताओं से कहा कि टाटा (पिता) चले गये।
राष्ट्रपति जूमा ने दक्षिण अफ्रीकी जनता से अपने नेता को याद रखने के लिए आज जगह जगह हो रही शोकसभा में शामिल होने के लिए कहा था। मंडेला के शव को बुधवार से शुक्रवार तक राजधानी प्रिटोरिया में सरकारी यूनियन बिल्डिंग में रखा जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 8, 2013, 19:04