Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 15:47
इस्लामाबाद : वर्ष 2008 में मुंबई पर हमले करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों में से एक आतंकी के परिजनों के नाम उपलब्ध करवाने वाले एक निर्वाचन अधिकारी समेत दो अहम गवाहों से पाकिस्तानी आतंकवाद रोधी अदालत में जिरह की गई।
ओकारा जिले के निर्वाचन अधिकारी जावेद और मुजफ्फराबाद स्थित मुस्लिम कमर्शियल बैंक के प्रबंधक के साथ सात आरोपियों के बचाव पक्ष के वकीलों ने जिरह की। इन आरोपियों में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकीउर रहमान लखवी भी शामिल है।
विशेष सरकारी वकील चौधरी मोहम्मद अजहर ने बताया, ‘निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता सूची उपलब्ध करवाई थी, जिसमें मुंबई में मारे गए नौ लोगों में से एक व्यक्ति के परिजनों के नाम थे। यह सूची उस व्यक्ति के पाकिस्तानी मूल को साबित करने के लिए दी गई थी। मुजफ्फराबाद स्थित उस बैंक के प्रबंधक से भी जिरह की गई जिसके बैंक से एक आरोपी को कराची में पांच बार धन भेजा गया था।’
जब सरकारी वकील से उस मृतक विशेष का नाम पूछा गया, जिसके संबंधियों के नाम कल पेश किए गए थे, तो उन्होंने कहा, ‘मृतक की पहचान साबित करने के लिए उन्हें अभी कुछ अतिरिक्त दस्तावेज उपलब्ध करवाने हैं।’ सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग के सदस्य ने मुंबई में जाकर वर्ष 2008 में हमले करने वाले 10 आतंकियों में से एक आतंकी के माता-पिता के नाम पेश करने के बारे में बताया। हाल ही में नियुक्त हुए बचाव पक्ष के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने उनके साथ जिरह की।
ओकारा जिले से आने वाला अजमल कसाब ऐसा अकेला आतंकी था, जिसे पकड़ा गा था और फिर मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे फांसी दे दी गई थी। ब्रिटेन के दैनिक अखबार द ऑब्जर्वर ने कहा था कि उसे कसाब के माता-पिता का मतदान रिकॉर्ड ‘देपालपुर के पास स्थित फरीदकोट’ में मिला है। यहां 478 पंजीकृत मतदाता हैं।
लश्कर-ए-तैयबा के मारे गए दो अन्य आतंकियों- 22 वर्षीय जावेद उर्फ अबु अली और 23 वर्षीय फहादुल्लाह भी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा से थे। जावेद की मौत ताजमहल होटल में हुई थी जबकि फहादुल्लाह ट्राइडेंट में मारा गया था। इस मुकदमे की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। यह देरी सर्दियों की छुट्टी के कारण है।
लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनस अंजुम को हमलों में भूमिका होने के आरोप में जुलाई 2009 में गिरफ्तार किया गया था। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
इन सात पाकिस्तानी संदिग्धों पर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमलों की योजना बनाने, आर्थिक मदद देने और हमलों को अंजाम देने के आरोप लगाए गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 19, 2013, 15:47